ख्वाजा सिद्दीकी के जुलूस-ए-चादर में दिखी आस्ता
सीकर, स्थानीय मोहल्ला नारवान में आस्ताना आलिया मुफ्ती -ए- शरीयत शाहे विलायत ख्वाजा गुल मुहम्मद सिद्दीकी अलचिश्ती का (105 वां) उर्स आज दरगाह के मुतवल्ली व सज्जादा नशीन पीर मौलाना हाफिज मन्जूर सिद्दीकी की कयादत में शरई तरीके से मनाया गया। उर्स की शुरूआत सुबह कुरआनख्वानी से हुई। अस्र की नमाज के बाद हजरत खलील शाह बाबा की दरगाह से जुलूस-ए-चादर रवाना हुआ। अकीदत मंद चादर शरीफ के साथ नारा-ए-तकबीर व नात शरीफ पढ़ते हुए दरगाह में पहुंचे और दरूद शरीफ का विर्द करते हुए ख्वाजा गुल मुहम्मद सिद्दीकी अल चिश्ती के मजार-ए-अक्दस पर चादर चढ़ाई और अकीदत के फूल पेश किए। चश्ती की मजारे अकदस को गुलाब जल एवं ईत्र से गुस्ल किया गया तथा संदल और फूल पेश किए गये बाद नमाज मग्रिब जिक्रे इलाही की मजलिस हुई और लंगर बांटा गया। आये जायरिनों का उर्स में शिरकत करके आस्ताने आलिया शाहे विलायत ख्वाजा गुल मुहम्मद सिद्दीकी अल चिश्ती के हाजीर होकर देश व प्रदेश सहित सपरिवार की भलाई के लिए अपनी-अपनी मुन्नते व मुरादे मानते है अपनी अकीदत के फुल पेश मजारे अकसद पर पेश करते है। दरगाह पर सभी धर्मों के लोगों के जयारत के लिए दरगाह पहुंच कर फैज हासिल कर रहे है। मुतवल्ली व सज्जादा नशीन पीर मौलाना हाफिज मन्जूर सिद्दीकी ने सबका आभार व्यक्त किया। सलातो सलाम पढऩे के बाद जायरीनों पर सुगन्धित जल छिड़काव किया गया। अंत में अच्छी सेहत, रोजी में बरकत, देश की तरक्की और अमन व शांति एवं भाईचारा के लिए सामूहिक दुआ के साथ उर्स का समापन हुआ। नमाज मगरिब जिक्रे इलाही की मजलिस हुई तथा बाद नमाजे इशा उर्स महफिल में हम्द व नाते पढ़ी गई मुख्य तकरीर हाफीज रईस रज्जबी,हजरत मौलाना अमीरूल हक रजवी ने की। इस मौके पर नेता मो. जुबेर नारू,मो. फारूक नारू, अब्दुल रशीद बहलीम, हाजी शब्बीर हसन नारू, रफीक नारू,मो. जमील नारू, मौलाना अमीरूल हक रज्वी, मौलाना हाफीज रईस रज्जबी,मो. नदीम नारू, मो. नईम निर्बान, मो. अरबाज भाटी, हाजी शब्बीर बहलीम, अनवर चौहान, मो. समीर नारू, सलीम नारू टेलर,एम. सादिक सिद्दीकी,दाउद अली सिद्दीकी, हाजी वाहिद अली सिद्दीकी, सहित अहले मोहल्ला नारवान व जायरिनो सहित काफी सख्या में मौजूद थे।