बिजली की दरें बढ़ाने के विरोध में
गुढ़ा गौड़जी,[ संदीप चौधरी ] आज 14 फरवरी शुक्रवार को किसानों ने गुढ़ा गौड़जी थाने के सामने प्रदर्शन किया और प्रशासन को चेतावनी देने के लिए सभा आयोजित की गई । सभा में बताया कि यदि प्रशासन समय रहते 23 फरवरी 2020 तक प्रशासन नियोजित मांग नहीं मानता है तो उग्र आंदोलन भी किया जाएगा। तहसील जाट महासभा अध्यक्ष मूलचंद खरींटा ने बताया की 24 फरवरी 2020 को बड़ी मीटिंग होगी जिसमें कुछ भी बड़ा हो सकता है जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी सहायक अभियंता विद्युत ऑफिस पौंख में स्थानांतरित नहीं करें। दूसरा अधिशासी अभियंता ऑफिस खोला जाए क्योंकि 500 मीटर से उपभोक्ता को 25 किलोमीटर भेजना कतई उचित नहीं है। विद्युत के बढ़े हुए बिल तुरंत वापस ले, विद्युत बिल की सब्सिडी बिल में ही दी जावे। कुएं में कंपनी की मोटर को मनमर्जी से तीन या चार hp लोड बढ़ा दिया जाता है। जो सरासर किसानों का शोषण है व अन्याय है। गुढ़ा गौड़जी में अधिशासी अभियंता ऑफिस विद्युत खुलवाया जाए। अपने आप जले मीटर की वीसीआर को तुरंत रोका जाए। धरना कार्यों में प्रमुख रहे रामोतार धीवा, विद्याधर गिल, शिवनाथ महला, जयपाल जाखड़, लीलाधर मीणा, नंदकिशोर पोषणा, सुखदेव, महादेव पोषण, हरलाल गढ़वाल, मोहर सिंह, जयंत मूंड , नत्थू सैनी धरने मे मौजूद रहे। आंदोलनकारियो ने बताया की बिजली की दरें बढ़ाने, आवारा पशुओं की समस्या, किसानों का कर्जा माफ नहीं करने, व गुढ़ा गोड़जी विद्युत निगम के सहायक अभियंता कार्यालय को पौख स्थानांतरित आदि को लेकर सभा में किसानों ने केंद्र व राज्य सरकार को किसान विरोधी नीतियों के लिए आड़े हाथों लेते हुए जम कर विरोध करने का निर्णय लिया। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए किसान नेता अमराराम ने भी कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को 15 लाख रुपए देने का झांसा देकर तथा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ करने का वादा करके शासन में आए थे। लेकिन दोनो शासन में आते ही अपने वादे भूल गए। जिससे देश का किसान मजदूर अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। सभा आयोजक विद्याधर गिल ने कहा कि जब तक किसानों के प्रतिनिधि शासन की बागडोर नहीं संभालेंगे तब तक किसान व मजदूर इसी प्रकार लूटते रहेंगे। सभा को किसान सभा के तहसील अध्यक्ष मूलचंद खरीटा,राहुल सिंह ,सुभाष बुगालिया, सुमेर सिंह आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर देवकरण गढ़वाल, मदन यादव, नथु राम सैनी, नथुसिह पूरणमल जाखड, महावीर प्रसाद खरबास सहित काफी लोग उपस्थित थे। सभा में धमोरा, सिगनोर, मझाऊ, कोलसिया, बुगाला, जाखल ,बामलास, पोसाणा, रघुनाथपुरा, धोला खेड़ा, गुढ़ा गौड़जी, टोडी ,भोडकी आदि गांव के किसानों ने भाग लिया।