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किठाना मेरे दिल में है, मैं जो कुछ भी हूं किठाना की वजह से हूं – उपराष्ट्रपति धनखड़

जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार आए अपने गांव किठाना

शिक्षा पर दिया जोर, जलवायु परिवर्तन पर भी जताई चिंता

झुंझुनूं, देश के उपराष्ट्रपति और झुंझुनूं के किठाना गांव में जन्में जगदीप धनखड़ बुधवार को अपने गांव किठाना पहुंचे। वे उपराष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अपने गांव पहुंचे थे। यहां हैलीकॉप्टर से सपरिवार पहुंचे धनखड़ का जिले की प्रभारी मंत्री ममता भूपेश ने स्वागत किया। अपने संबोध में धनखड़ ने कहा कि – जिस गांव में जन्म लिया, जहां नींव बनी, वहां भाषण देना बहुत मुश्किल है। उन्होंने राजस्थानी अंदाज में महिला सशक्तिकरण पर स्थानीय भाषा में कहा कि- सो क्यूं बदळ ग्यो। यो बदलाव देश में ऊपर ताणी ह। उनका ईशारा मंच पर बैठी नारी शक्ति (धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़, प्रभारी मंत्री ममता भूपेश, जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरी, चिड़ावा प्रधान इंदिरा डूडी, सरपंच सुमित्रा) की तरफ था। उन्होंने कहा कि आज देश में राष्ट्रपति पद को भी महिला सुशोभित कर रही हैं। उन्होंने अपने बचपन को याद करते हुए कहा कि छठी कक्षा के बाद लंबी दूरी तय करके स्कूल जाना पड़ता था, लेकिन आपके आशीर्वाद से इस मुकाम पर पहुंचा हूं। उन्होंने कहा कि देश में हालात बेहतर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई दिन ऐसा नहीं गया है जब किसान, गरीब, अजा-अजजा के व्यक्ति की और किठाना गांव की बात मेरे दिल में ना हो। उन्होंने कहा कि मैं इस मिट्टी को नमन करता हूं, मैं इसी मिट्टी का लाल हूं। जो कुछ भी हुआ उसका एक ही कारण है- शिक्षा। बकौल धनखड़ यदि उन्हें सैनिक स्कूल में स्कॉलरशिप नहीं मिली होती, तो हालात कुछ और होते। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा जोर पढ़ाई पर दीजिए।

धनखड़ ने कहा कि बच्चों पर तनाव मत डालें, उन्हें जो वे करना चाहें, करने दीजिए। उन्होंने कहा कि आज जो लोग उद्योग, व्यापार में आगे बढ़ रहे हैं, उनमें से अधिकांश साधारण पृष्ठभूमि से हैं। धनखड़ ने मौजूद जनसमूह को प्रेरित करते हुए कहा कि अपनी प्रतिभा को उजागर करें। गांव के बालक-बालिकाएं शुरु में हिचकिचाते हैं, लेकिन कुछ समय बाद सबकुछ उनकी मुट्ठी में होता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास की जड़ गांव में है। यदि गांव में हर व्यक्ति योजनाओं का फायदा लेकर योगदान देता है तो देश की अर्थव्यवस्था बहुत दूर तक जाएगी। उन्होंने जोहड़ों की हालत पर चिंता जताई और कहा कि हमें पौधारोपण, कृषि क्षेत्र की तरफ ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेतों की मेड़ पर पेड़ लगाने को जनआंदोलन बनाना चाहिए। इससे जलवायु परिवर्तन के संकट का हल मिलेगा। उन्होंने कहा कि “जो कुछ भी हूं, किठाना की वजह से हूं।” बकौल धनखड़ गांव के किसी भी बालक-बालिका की पढ़ाई धन के अभाव में बाधित नहीं होगी। उन्होंने किठाना गांव को आदर्श गांव बनाने की कामना करते हुए कहा कि यह सभी के सहयोग से ही संभव होगा। सभा में मंच पर सांसद नरेंद्र खीचड़, जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरी, चिड़ावा प्रधान इंदिरा डूडी, किठाना सरपंच सुमित्रा भी मौजूद रहीं। वहीं उनके निजी आवास पर आरटीडीसी के पूर्व चैयरमैन रणदीप धनखड़, सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनियां मौजूद रहे। इससे पहले उन्होंने महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के भवन का शिलान्यास किया। इस दौरान जिले की प्रभारी मंत्री ममता भूपेश और पिलानी विधायक जे.पी. चंदेलिया भी मौजूद रहे। इससे पहले उन्होंने बालाजी मंदिर जोडिया और ठाकुर जी मंदिर किठाना में सपरिवार दर्शन किए और मंगलकामना की।

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