बेटी बचाओ, बेटी पढाओ
चूरू, बेटी बचाओ, बेटी पढाओ के नारे को साकार करते हुए अंचल के लोग इन दिनों बेटियों की बंदौरी घोड़ी पर निकाल कर उन्हें सम्मान दे रहे हैं। इसी सिलसिले में रविवार को ढाढर में इंद्रचंद कस्वां की बेटी कांता को घोड़ी पर बैठाकर गांव में बंदौरी निकाली गई। ग्रामीणों ने इसे एक सराहनीय पहल बताया। इस दौरान रेसला के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष भंवर लाल गुर्जर, पकंज गुर्जर, होशियार सिंह कस्वां, राजेश कस्वां, भंवर लाल कस्वां, मनीराम, ओम कारेल, हनुमान प्रजापत, फूलाराम कस्वां, राहुल, रवि, सुमित्रा, सुशीला, भारती, पार्वती, चिमनाराम आदि मौजूद थे। वही गांव घांघू में भी गिरधारी लाल बरड़ व सुभीता देवी की बेटी सरोज को घोड़ी पर बैठाकर गाजेबाजे के साथ नाचते-गाते गांव की मुख्य गलियों से बंदौरी निकाली गई। सरोज ने बताया कि परिवारजनों ने घोड़ी पर बैठाकर बंदोरी निकाली तो मुझे बहुत अच्छा लगा और मेरे परिवारजनों पर मुझे काफी गर्व महसूस हुआ। ग्रामवासियों ने सरोज की घोड़ी पर बंदोरी निकालने को लेकर इसे बेटियों के सम्मान में शानदार पहल बताया और कहा कि इस प्रकार के संदेश से बेटियों का मनोबल बढ़ेगा । इस मौके पर पूर्व सरपंच नाथीदेवी नेहरा, ईशरराम बरड़, विजय कुमार बरड़, विद्याधर मांझू, विजेंद्र सिहाग, विकास कुमार मांझू, विजय मुनडिया, सुभाष बरड़, विनित कुमार राहड़ ने इसे बेटियों के सम्मान में अनुकरणीय कदम बताया और हर्ष जताया।