सीकर जिले के कांवट कस्बे में
उदयपुरवाटी,[कैलाश बबेरवाल] सीकर जिले के कांवट कस्बे में कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन में आमजन की दिनचर्या के साथ-साथ उसके विचारों पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। वैश्विक महामारी के इस प्रकोप के बीच कई सालों से चली आ रही पुरानी परंपराओं को भी बदल दिया है। शादी समारोह में इसका सबसे बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है। बड़े से लेकर छोटे स्तर तक हर व्यक्ति अब इन शुभ कार्य में फिजूल खर्च से बचता दिखाई दे रहा है। जो समाज की एक अच्छी सोच और एक नई परंपरा को जन्म देने का संकेत दे रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण आज रविवार को कांवट कस्बे में देखने को मिला, जिससे समाज में एक अच्छा संदेश गया है। कांवट कस्बे के रेलवे स्टेशन निवासी गोकुल चंद सैनी के पुत्र अशोक की आज रविवार को बड़ी ढाणी तन थोई निवासी मूलचंद सैनी की पुत्री मधु के साथ शादी हुई। लेकिन लॉकडाउन के कारण बिना बैंड बाजे के साथ बारात वधू के घर पहुंची। बारात में करीब 20 लोग शामिल हुए। बारात में शामिल होने वाले लोगों ने भी मास्क पहन रखे थे। वही दूल्हा-दुल्हन ने भी मास्क पहने हुए ही एक दूसरे को वरमाला पहनाई। बाद में साधारण रीति-रिवाजों के साथ दूल्हा अशोक व दुल्हन मधु एक दूसरे के हमसफर बने। इसके बाद शादी संपन्न होने पर सादगी के साथ वर-वधू को विदा किया गया। शादी में शामिल हुए जुगलपुरा सरपंच कैलाश मीणा, पूर्व सरपंच ओम प्रकाश स्वामी, कांवट सरपंच प्रतिनिधि रामस्वरूप सैनी, भरतलाल सैनी, अध्यापक चंद्र प्रकाश सैनी, दिनेश कुमार सैनी ने भी वर-वधू को आशीर्वाद दिया। वही लॉक डाउन की वजह से बिना दिखावे व कम खर्च की शादी को सभी ने सराहा। दूल्हा दुल्हन ने कहा कि इस महंगाई के दौर में शादी करने का सबसे बढ़िया प्रोग्राम है जिसमें कोई भी अनावश्यक खर्चा नहीं होता है। वैश्विक महामारी में सभी को मुंह पर मास्क लगाना चाहिए तथा सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए खुद भी स्वस्थ रहें एवं दूसरों को भी स्वस्थ रहने का संदेश दे।