चुरूताजा खबर

लू से बचाव के लिए बरतें सावधानियाँ

भीषण गर्मी के मध्येनजर जिला प्रशासन ने जारी की एडवायजरी

चूरू जिले में इन दिनों पड़ रही भीषण धूप, गर्मी और लू को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से आमजन के लिए एडवायजरी जारी की गई है। जिला कलक्टर संदेश नायक ने बताया कि मौसम विभाग की ओर से 6 जून तक जिले में प्रचंड उष्ण लहर चलने की आशंका जताई गई है। इसे देखते हुए सभी संबंधित विभागों को अलर्ट किया गया है तथा उन्हें आवश्यक इंतजाम के लिए कहा गया है। साथ ही आमजन के लिए एडवायजरी जारी की गई है। उन्होंने बताया कि गर्म हवा से मानसिक संताप हो सकता है जिससे मृत्यु भी हो सकती है। आमजन को लू के कारण होने वाली गंभीर बीमारियों, हृद्याघात आदि से बचने के लिए अपने स्तर पर सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने आमजन से अनुरोध किया है कि तेज धूप में खासकर दोपहर 12 से 3 बजे तक बाहर निकलने से बचे। सीधे तेज धूप के संपर्क में न आएं। यथासंभव कूलर या पंखे वाले कमरे में रहें। चाहे प्यास हो न हो, जितना संभव हो, पानी पीते रहें। कम वजन और हल्के रंग के झीने सूती कपड़े पहनें। जब धूप में जाएं तो सुरक्षा के लिए चश्मा, टोपी, जूते, चप्पल, छाता आदि का इस्तेमाल करें। तेज धूप में भारी श्रम वाले कार्यों से बचें। दोपहर 12 से 3 बजे के बीच खुले में काम करने से बचें। यात्रा के दौरान अपने साथ पानी अवश्य रखें। शरीर में पानी की कमी का कारण बनने वाले अल्कोहल, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक से बचें। बासी तथा अधिक प्रोटीन वाले भोजन से बचें। बाहर काम करते हैं तो टोपी या छाते का इस्तेमाल करें तथा अपने सिर, गर्दन, चेहरे और कानों को नम कपड़े से ढंके। बच्चों और पालतू जानवरों को पार्क किए गए वाहन में न छोड़ें। कुछ कमजोरी या बीमारी महसूस करें तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं। ओआरएस, घरेलू ठंडे पेय पदार्थ जैसे लस्सी, राइस वाटर, नींबू पानी, बटर मिल्क आदि का इस्तेमाल करें जो शरीर को रिहाइड्रेट करने में सहायता करते हैं। मवेशियों को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए पर्याप्त पानी दें। अपने घर को ठंडा रखने के लिए दिन के समय परदों, चिक का इस्तेमाल करें और रात को खिड़कियों को खुला रखें। पंखों का इस्तेमाल करें और नियमित रूप से स्नान करें। पड़ौसियों, मित्रों, परिवार और पालतू जानवरों का भी ध्यान रखें। यदि किसी व्यक्ति में लू के शिकार होने के लक्षण दिखाई दे तो तत्काल अपने फैमिली डॉक्टर, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र तथा एंबुलैंस सर्विस नंबर 108 या जिला स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष के नंबर 01562 251322 पर कॉल करें।
उन्होंने बताया कि त्वचा का रंग पीला या लाल होना, तेज बुखार, धड़कन तेज होना, मांसपेंसियों में ऎंठन, जी मिचलाना एवं उल्टी होना, बेहोशी आना लू लगने के प्रमुख लक्षण है। यदि किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई देें तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए। उसे ठंडे स्थान पर छाया के नीचे इस तरह लेटाएं कि सांस लेने में व्यवधान न हो। उसके शरीर को लगातार गीले कपड़े से धोएं या पौंछें। सिर पर सामान्य तापमान का पानी डालें। मुख्य उद्देश्य शरीर के तापमान को कम करना है।जब तक 38 डिग्री सेंटीग्रेट तक तापमान नहीं हो, शरीर को ठंडा करने के लिए निरंतर प्रयास करें। पीड़ित व्यक्ति को व्यक्ति को ओआरएस, राइस वाटर, नींबू शरबत तथा उन पदार्थों का सेवन कराएं जो शरीर को रिहाइड्रेट करने में सहायक हों। उसे तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं क्योंकि हीट स्ट्रोक जानलेवा हो सकता है। जिला कलक्टर ने बताया कि ठंडे वातावरण से अचानक गर्म वातावरण में आने वालों को हीट स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है। किसी भी परिवार में ऎेसे व्यक्तियों का आगमन हो सकता है, उन्हें अचानक खुले में नहीं जाना चाहिए जब तक कि यहां की जलवायु से उनका अनुकूलन नहीं हो जाए। उन्हें अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। जलवायु अनुकूलन धीरे-धीरे ही प्राप्त किया जा सकता है। जिला कलक्टर ने बताया कि सभी उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हीट स्ट्रोेक और लू की चपेट में आए व्यक्तियों के उपचार के लिए विशेष व्यवस्था करें तथा इन केंद्रों में यथासंभव एक कक्ष में कूलर या एयरकंडीशनर की व्यवस्था करें।

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