मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों के हित में लिए कई बड़े निर्णय
चूरू, सहकारिता विभाग की सहकार किसान कल्याण योजना में अब 11 प्रतिशत के स्थान पर महज तीन फीसदी ब्याज पर रहन ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि उपज मंडी के सचिव सुनील गोदारा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रभाव को मध्य नजर रखते हुए किसानों के हित में कई बड़े निर्णय लिये हैं। इसी क्रम में किसानों के हित में सस्ती ब्याज दरों पर उनकी कृषि उपज रहन रखे जाने की सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। राज्य में सामान्यतया फसल कटने के समय कृषि उपज के भाव कम होते हैं। काश्तकार को अपनी घरेलू/ निजी आवश्यकताओं की पूर्ति एवं संस्थागत ऋणों का चुकारा करने के लिए अपनी कृषि उपज को बाजार में मजबूरन कम मूल्य पर बेचना पड़ता है या बिचैलियों को अपनी फसल को रहन कर ऊंची ब्याज दर पर राशि की व्यवस्था करनी पड़ती है, फलस्वरूप काश्तकारों को उसकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता एवं उपकी स्थिति दयनीय बनी रहती है। काश्तकारों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सके एवं मजबूरन बिक्री व साहुकारों/ बिचैलियों के चुंगल से मुक्त हो सके, इसे ध्यान में रखते हुए सहकारिता विभाग की सहकार किसान कल्याण योजनान्तर्गत कृषि उपज के विरूद्ध काश्तकार को रहन ऋण उपलब्ध करवाने की योजनान्तर्गत किसानों को 11 प्रतिशत ब्याज दर के स्थान पर अब मात्रा 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ही किसानों को यह सुविधा प्रदान की जायेगी। ब्याज की अन्तर राशि के भुगतान की दृष्टि से राजस्थान स्टेट काॅ-ओपरेटिव बैक लिमिटेड को राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड में संधारित कृषक कल्याण कोष से 50 करोड़ रूपये तक का अनुदान प्रतिवर्ष दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इस योजनान्तर्गत राज्य की लगभग 4000 ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर किसान अपनी कृषि उपज लेकर आयेगा और सहकारी समितियों द्वारा उनकी उपज को अपने गोदामों में रहन रखकर मूल्यांकित की गई कीमत का अधिकतम 70 प्रतिशत की सीमा तक ऋण उपलब्ध करवायेगा। यह योजना किसानों के लिए अत्यन्त उपयोगी रहेगी। उन्हे कृषि उपज के उचित भाव आने पर विक्रय का अवसर प्राप्त होगा। यह सुविधा उनके ग्राम के समीप ही सुलभ हो सकेगी।