लोक सूचना अधिकारी जिला कलेक्टर झुंझुनू के समक्ष किया गया था आवेदन
झुंझुनू, पूर्व में लोक सूचना अधिकारी जिला कलेक्टर झुंझुनू से आवेदन करके आरटीआई अंतर्गत सूचना मांगी गई थी। अपीलार्थी पत्रकार नीरज सैनी द्वारा यह आवेदन कर सूचना मांगी गई थी। परंतु आवेदन के कुछ दिन बाद ही सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप में मूल आवेदन की फोटो खींचकर वायरल कर दिया गया था तथा उसके साथ-साथ पत्रकार सैनी के खिलाफ अशोभनीय बातें लिखी गई थी और उन पर लगातार दबाव बनाकर प्रताड़ित करने का प्रयास किया गया था। इस पूरे मामले को लेकर तत्कालीन जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया था जिसकी प्रति मुख्य न्यायाधीश राजस्थान उच्च न्यायालय खंडपीठ जयपुर, सूचना आयुक्त सूचना आयोग जयपुर, मुख्य सचिव राजस्थान सरकार जयपुर, प्रधानमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली, केंद्रीय सूचना आयुक्त केंद्रीय सूचना आयोग नई दिल्ली, जिला पुलिस अधीक्षक झुंझुनू को भी भेजी गई थी। जिस पर तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा भी कोतवाली में कंप्लेंट दर्ज करवाई गई थी। जिसके बाद तत्कालीन झुंझुनू कलेक्टर ने जांच उपखंड अधिकारी झुंझुनू को सौंपी थी लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने पर सैनी द्वारा समय-समय पर पुनः तत्कालीन झुंझुनू जिला कलेक्टर्स को ज्ञापन दिए गए थे। साथ ही 20-10 -2023 को तत्कालीन जिला कलेक्टर बचनेश कुमार अग्रवाल के द्वारा पत्रकार सैनी को पत्र भेजा गया था जिसमें एक बार पुनः उपखंड अधिकारी झुंझुनू को इस मामले की जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए लिखा गया था। अब दोबारा सैनी द्वारा झुंझुनू जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को ज्ञापन देकर संपूर्ण मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। सैनी ने बताया कि तत्कालीन सरकार के समय में इस मामले को दबाने का प्रयास किया गया था और अप्रत्यक्ष रूप से धमकियां देकर मानसिक रूप से भी प्रताड़ित करने का प्रयास किया गया था। सैनी ने बताया कि इस आरटीआई द्वारा झुंझुनू जिला सूचना जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु सिंह सैनी तथा झुंझुनू कलेक्ट्रेट में डेपुटेशन पर बैठे हुए अधिकारी एवं कर्मचारियों से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी। इसके बाद मूल आवेदन की फोटो खींचकर सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप में डाला गया था और पत्रकार सैनी को इस मामले में प्रताड़ित करने का कुप्रयास किया गया था।