झुंझुनू, अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को श्री जगदीशप्रसाद झाबरमल टिंबरेवाला विश्वविद्यालय के भाषा संस्थान के द्वारा एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।इस अवसर पर मातृभाषा के महत्व को बताते हुए अंग्रेजी भाषा की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अंशु शर्मा ने बताया कि मातृभाषा किसे कहते हैं और हमारे जीवन में मातृभाषा की आवश्यकता क्यों है? हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ बीकेश सिंह ने अपनी मातृभाषा भोजपुरी के इतिहास पर प्रकाश डाला तथा इसी विभाग के हिमांशु खिड़िया ने मातृभाषा पर एक कविता प्रस्तुत करते हुए इसके साहित्यिक रूप से समृद्ध होने को बताया। समाजशास्त्र विभाग की सहायक अध्यापिका डॉ पुनीता मिश्रा ने हिंदी कविता का वाचन किया । विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने हरियाणवी, राजस्थानी, भोजपुरी, पंजाबी एवं हिंदी भाषाओं में नाटक, लोक नृत्य, लोक गीत आदि अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति इंजीनियर बालकृष्ण टीबड़ेवाला ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की एवं प्रेमलता के टीबड़ेवाला मुख्य अतिथि रही। विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डॉ मधु गुप्ता ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम विद्यार्थियों में मातृभाषा के प्रति प्रेम जागृत करते हैं, अतः हमें अपनी मातृभाषा का सदैव सम्मान करना चाहिए। इस अवसर पर असिस्टेंट रजिस्ट्रार डॉ इकराम कुरैशी, डॉ रंजना सक्सेना, डॉ रविंद्र भोजक, पूजा शर्मा, डॉ विजय माला, डॉ आरती पवार आदि ने कार्यक्रम के सफल संयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम का कुशल संचालन अंग्रेजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अंशु शर्मा ने किया।