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डॉ. मोदी ने किया 300+ टॉपर्स विद्यार्थियों को अभिभावकों की उपस्थिति में मोटीवेट
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झुंझुनू, मोटीवेशनल गुरू के नाम से प्रख्यात जीवेम् चेयरमैन डॉ. दिलीप मोदी द्वारा आज जीवेम् समूह के 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा देने वाले तथा मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले चयनित 300+ विद्यार्थियों को सफलता प्राप्त करने के गुरूमंत्र दिए गए। अवसर था झुंझुनूं एकेडमी विज्डम सिटी में आयोजित मोटिवेशनल सेमिनार -‘उन्मेष’ का। ‘आई विल‘ एवं ‘टॉप गिअर’ की थीम पर आयोजित इस सेमिनार में डॉ मोदी ने विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धा के इस युग में हमेशा सजग, जागरूक एवं हर चुनौती के लिए तैयार रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि सी.बी.एस.ई. व राजस्थान बोर्ड के लाखों विद्यार्थियों से आपकी प्रतिस्पर्धा है। कोयले से हीरा तथा संगमरमर पत्थर से मंदिर की सुंदर मूर्ति बनने का उदाहरण देते हुए विद्यार्थियों को समझाया कि अनवरत तराशते रहने से ही कोयला हीरा बनता है तथा संगमरमर का सामान्य पत्थर भगवान की मूरत बनकर पूजा के योग्य बनता है। त्याग तपस्या एवं निरंतर तराशने से ही सफलता की उच्चतम स्थिति तक पहुँचा जा सकता है। डॉ मोदी ने बताया कि जीवेम के अध्यापकों द्वारा करवाई जाने वाली गहनतम तैयारी, पेस प्रोग्राम, आरपीटएस कुछ ऐसे औजार हैं जिनसे विद्यार्थी अपने परिणाम में निखार ला सकते हैं। ‘तुम मुझको कब तक रोकोगे’ प्रेरणादायी विडियो के माध्यम से उन्होंने विद्यार्थियों से कभी हार न मानने का आह्वान किया। एक कार की उबड़-खाबड़ रास्तों से लेकर मेगा सुपर एक्सप्रेस हाईवे तथा उसके बाद एअर टैक्सी तक की टॉप गिअर में यात्रा के उदाहरण के माध्यम से डॉ मोदी ने विद्यार्थियों को अनन्त आकाश की उंचाईयों को छूने का आह्वान किया। डॉ मोदी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि हमें पंख मिले हैं तो हमें उडऩा चाहिए ना कि जमीन पर रेंगकर जीवन खराब करना चाहिए। डॉ. मोदी ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि पावर ऑफ वन अर्थात हर अंक का बहुत बड़ा महत्व होता है अत: 100 प्रतिशत को अपने जीवन का लक्ष्य बनाइए । शत्-प्रतिशत सफलता के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक विद्यार्थी रोज का काम रोज समाप्त करें। मैं कर सकता हूँ, मुझे करना चाहिए, मैं तो करूगाँ अगर यह मन में ठान लो तो आप बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हो। डॉ मोदी ने समझाया कि सही समय पर सही दिशा में अपनी शक्तियों को केन्द्रित करो तो सफलता आपके कदमों में होगी। जिन्दगी व समय पुन: अवसर नहीं देते हैं, जीत दिमाग से नहीं दिल से होती है। लक्ष्य के प्रति जुनून या पागलपन का होना बहुत जरूरी है। लक्ष्य तक पहुँचने का रोड मैप हमेशा हमारे दिमाग में रहना चाहिए। डॉ. मोदी द्वारा बोर्ड परीक्षा के लिए क्या लक्ष्य निर्धारित करना है, लक्ष्य क्यों निर्धारित करना है तथा उस लक्ष्य को कैसे प्राप्त किया जा सकता है। इसका ब्लू प्रिंट एवं कम्पलीट एक्शन प्लान ऑडियो-विजुअल के माध्यम से सुस्पष्ट किया। गत् वर्ष के अनुपम परीक्षा परिणामों मे प्लेटीनम क्लब एवं डायमंड क्लब का उल्लेख करते हुए डॉ मोदी ने इस वर्ष अधिकाधिक संख्या में विद्यार्थियों को प्लेटिनम क्लब अर्थात् 95 प्रतिशत से अधिक एवं डायमंड क्लब अर्थात् 90 प्रतिशत से अधिक में सम्मिलित होने का आह्वान किया जिसके प्रत्युत्तर मेें वहां उपस्थित समस्त टॉपर्स विद्यार्थियों ने शत्-प्रतिशत अंक प्राप्त करने के लिए तैयारी करने का संकल्प लिया। डॉ. मोदी ने पंतग का उदाहरण देते हुए बताया कि विद्यार्थियों को अपने जीवन मूल्यों एवं अभिभावकों के संस्कारों के साथ सदैव जुड़े रहना चाहिए, यदि विद्यार्थी ऐसा करते है तो वे जीवन की अनंत ऊँचाईयों को छू सकते हैं। सेमिनार के मध्यम क्रम में ज्ञानकुटीर एकेडमिक डायरेक्टर दीपेन्द्र शर्मा ने विद्यार्थियों व अभिभावकों को अनेक तथ्यों के माध्यम से श्योर-शॉट सफलता का ब्लु प्रिंट तथा विद्यार्थियों के लिए आदर्श दिनचर्या को स्पष्ट किया। इस अवसर पर टॉपर विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानकुटीर एकेडमिक डायरेक्टर दीपेन्द्र शर्मा ने किया।
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