भारत सरकार की विद्युत मंत्रालय परामर्शदात्री समिति की बैठक में सांसद कस्वां ने आरडीएसएस योजना में स्मार्ट मीटरिंग व फीडर पृथक्करण की मांग
दिल्ली/ चूरू, सांसद राहुल कस्वां ने पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) की प्रगति की समीक्षा के लिए गुरूवार शाम को आयोजित भारत सरकार की विद्युत मंत्रालय परामर्शदात्री समिति की बैठक में भाग लेकर योजना से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी। सांसद ने बताया कि चूरू संसदीय क्षेत्र में आरडीएसएस योजना में 200 करोड़ रू. से अधिक के कार्य प्रगति पर हैं; लेकिन योजना के मूल प्रावधानों में शामिल स्मार्ट मीटर लगाना और घरेलु व कृषि लाइनों के पृथक्कीकरण का कार्य अभी तक शुरू नहीं किया गया है।
इस पर केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि चूरू लोकसभा क्षेत्र में स्मार्ट मीटरिंग के लिए लगभग 545 करोड़ रू. की स्वीकृति प्रदान कर रहे हैं। साथ ही चूरू लोकसभा में लगभग 500 फीडर पृथक्कीकरण (घरेलु व कृषि लाइनें अलग-अलग) के कार्य हेतु लगभग 325 करोड़ रू. के प्रस्तावों में से आधे की स्वीकृति प्रदान कर रहे हैं और बाकि को भी जल्द स्वीकृत कर दिया जायेगा।
बैठक में उपस्थित केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री को सांसद कस्वां ने बताया कि अकेले चूरू संसदीय क्षेत्र में लगभग 45000 ढ़ाणियां आज दिन तक बिजली से वंचित हैं। इनका हमने वर्ष 2022 में सर्वे करवाकर प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार के मार्फत केन्द्र सरकार तक पहुंचाया है। वंचित ढ़ाणियों के लिए केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने सकारात्मक रूख दिखाया है और बिजली पहुंचाने के लिए अतिरिक्त 1400 करोड़ रू. स्वीकृति की बात कही है।
आम आदमी पर भारी भरकम जुर्माना (वीसीआर) का मुद्दा भी सांसद ने इस बैठक में उठाते हुए कहा कि इस तरह की अन्यायपूर्ण कार्यवाही से आम आदमी व किसान भारी पीड़ित है और आर्थिक रूप से उनका शोषण हो रहा है। भारी भरकम जुर्माने (वीसीआर) के इस खेल को रोकते हुए एक तय सीमा में जुर्माने का प्रावधान लागू किया जाए। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने इस विषय को प्रमुखता से लेने का आश्वासन दिया है।
आरडीएसएस के माध्यम से संसदीय क्षेत्र में विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से तैयार करने पर फोकस: सांसद कस्वां
सांसद राहुल कस्वां ने बताया कि आरडीएसएस योजना लागू होते ही हमने इस पर काम करना शुरू कर दिया था। योजना के सम्बन्ध में प्रदेश की सबसे पहली मिटिंग कर हमने चूरू संसदीय क्षेत्र की जरूरतों का रोडमैप तैयार किया और प्रस्ताव बनाकर, बजट स्वीकृत करवाकर कार्य शुरू करवाया। चूंकि इस योजना में 33 केवी से ऊपर क्षमता के जीएसएस शामिल नहीं हैं तो हमने ऐसे जीएसएस की क्षमता वृध्दि के लिए जनवरी 2024 में राजस्थान के ऊर्जा मंत्री से मुलाकात की थी। संसदीय क्षेत्र की जरूरतों के हिसाब से हमने 132/220/400 केवी जीएसएस की क्षमता वृध्दि के जो प्रस्ताव दिए उस पर अब तक काफी सकारात्मक कार्यवाही हुई है।
संसदीय क्षेत्र में विद्युत तंत्र में सुधार के लिए हम पूर्णतया प्रतिबध्द हैं और आगामी 10 वर्षों की जरूरतों का ख्याल रखते हुए अच्छी प्रकार से आगे बढ़ रहे हैं। हमारा लगातार प्रयास है कि संसदीय क्षेत्र में किसान, आमजन व इण्डस्ट्री को निर्बाध बिजली आपूर्ति हो इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।