जिला जेल झुंझुनू में कैदियों को कंबल एवं फल वितरण हुआ
झुंझुनूं, जिला जेल झुंझुनूं में मंगलवार प्रातः 10:30 बजे सुनील पाटोदिया वेलफेयर फाउंडेशन मुंबई एवं श्री चौथमल सुनील कुमार पाटोदिया परिवार के सौजन्य से श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था के तत्वाधान में कैदियों को कंबल एवं फल वितरण किया गया। इसी वर्ष पूर्व में जिला जेल झुंझुनू में ही पुस्तकालय कक्ष एवं अंडरग्राउंड वॉटर टैंक का निर्माण सुनील पाटोदिया वेलफेयर फाउंडेशन मुंबई एवं श्री चौथमल सुनील कुमार पाटोदिया परिवार के सौजन्य से श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था के तत्वाधान में किया गया था जिसका आये हुए सभी पाटोदिया परिवार एवं अन्य गणमान्य जन ने अवलोकन किया।
इससे पूर्व श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था की ओर से कार्यक्रम में पधारे बिसाऊ निवासी मुंबई प्रवासी एमडी च्वाइस ईन्टरनेशनल मुंबई कमल पोद्दार, प्रमोद पाटोदिया मुम्बई, प्रदीप पाटोदिया, संगीता पाटोदिया, सीए कैलाश कटारूका, पूनम कटारूका मुंबई, विमल सोनी एवं मुरारी जोशी बिसाऊ का जेल अधीक्षक प्रमोद सिंह शेखावत, जेलर निसार अहमद, डॉक्टर नरेंद्र सिंगोया, डॉक्टर मौहम्मद सलीम, लायंस क्लब झुंझुनू के स्पेशल केबिनेट सेक्रेट्री नरेंद्र व्यास, अशोक केडिया एवं रामबाबू तुलस्यान ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था के ट्रस्टी डॉक्टर डीएन तुलस्यान ने किया।
जेल अधीक्षक प्रमोद सिंह शेखावत ने भामाशाह दानदाता परिवार का कैदियों के लिए कंबल एवं फल वितरण तथा इससे पूर्व में पुस्तकालय कक्ष एवं अंडरग्राउंड वॉटर टैंक निर्माण हेतु आभार व्यक्त किया। उन्होंने जेल परिसर में बंदियों के लिए ओपन सैड एवं चपाती बनाने की मशीन आदि की व्यवस्थाओं के लिए दानदाताओं से आह्वान किया जिस पर एमडी च्वाइस ईन्टरनेशनल मुंबई कमल पोद्दार ने चपाती बनाने की मशीन लगाए जाने की स्वीकृति दी जिसके लिए जेल प्रशासन की ओर से जेल अधीक्षक प्रमोद सिंह शेखावत ने भामाशाह कमल पोद्दार का आभार व्यक्त किया।
एमडी च्वाइस ईन्टरनेशनल मुंबई कमल पोद्दार ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि पाटोदिया परिवार के सौजन्य से बने पुस्तकालय कक्ष में पुस्तके बंदियों के खाली समय में पढ़ने एवं आत्ममंथन करने के लिए उपयोगी सिद्ध हो ही रही है साथ ही उन्होंने कहा कि बंदी अपना समय का सदुपयोग करते हुए अच्छी पुस्तकें पढ़कर ध्यान कर यह प्रण करें कि भविष्य में ऐसा कोई अपराध नहीं करें जिससे उन्हें दोबारा से जेल आना पड़े।