जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट के निर्देशानुसार
झुंझुनूं , जिले में जोहड़ खुदाई के नाम पर मिट्टी इधर उधर करना दिखाकर अनुपयोगी काम के बदले पूरी मजदूरी लेने के प्रयासों में आम की लिप्तता के चलते जिला परिषद ने जुलाई माह से ऐसे कार्यों को बन्द करने के निर्देश दिये हैं। गत एक पखवाड़े के दौरान छावसरी, आबूसर, ठाटवाड़ी, ख्याली बाडेट ग्राम पंचायतों के श्रमिकों द्वारा काम से बचते हुए खुद के स्तर पर मशीनों से काम करने की शिकायतों के मद्देनजर ऐसे अनुपयोगी कामों को बंद करने का निर्णय किया गया है। मीडिया में खबरों पर जांच करने के बाद सामने आया है कि श्रमिकों द्वारा काम किये बिना उन्हें देय सम्पूर्ण मजदूरी 220 रुपये प्राप्त करने के लिये रात को मशीनें किराए पर लेकर मिट्टी निकलवाई गई ताकि पखवाड़े के अंत मे पूरी टास्क मिल सके। जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट का कहना है कि गांवों में कुछ शौकिया प्रवृत्ति के लोग जोहड़ खुदाई के कामो पर इक्कठे होकर काम किये बिना 220 रुपये मजदूरी प्राप्त करने के लिये प्रशासन पर दबाव बनाते हैं। अब उन्हें मजदूरी करने के लिये अनुसूचित जाति, जनजाति के खेतों में स्वीकृत निजी लाभ के कामों पर जाना पड़ेगा । प्रशासन ने अब प्रत्येक गांव में चारागाह, श्मशान, कब्रिस्तान, आदि में वृक्षारोपण व निजी खेतों में कुण्ड निर्माण जैसे पर्याप्त काम स्वीकृत कर दिये हैं। अतः अब मशीनों से मिट्टी खुदवाकर पूरी मजदूरी प्राप्त करने का ख्वाब देखने वाले सफल नही होंगे।