
झुंझुनू, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रिंस इंटरनेशनल स्कूल झुंझुनू द्वारा एक दिन की विशेष कार्यशाला आयोजित की गई । जिसका मुख्य उद्देश्य लर्निंग आउटकम्स और पेडागॉजी के आधुनिक दृष्टिकोणों पर चर्चा करना था।संस्थान निदेशक निर्मल कालेर ने बताया कि कार्यशाला में शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों, शिक्षकों और जिले भर की विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत राजन कुमार शर्मा सीबीएसई मास्टर ट्रेनर ,अर्चना शर्मा उप प्रधानाचार्या जानकी देवी मंडेलिया स्कूल पिलानी व संथान के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद, विषय विशेषज्ञों ने लर्निंग आउटकम्स और पेडागॉजी पर अपनी-अपनी व्याख्याएं दीं। विशेषज्ञों ने बताया कि किस प्रकार छात्रों के सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा पद्धतियों में बदलाव की आवश्यकता है और तकनीकी शिक्षा के समावेशन से इसके प्रभावी होने की संभावना है।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शैक्षिक दृष्टिकोणों और विधियों पर विचार-विमर्श हुआ, जिसमें परियोजना-आधारित शिक्षा, समावेशी शिक्षा, और डिजिटल टूल्स का उपयोग शामिल था। साथ ही, शिक्षकों को शिक्षण में नवाचार अपनाने के लिए प्रेरित किया गया ताकि छात्रों का समग्र विकास हो सके। इस अवसर पर प्रिंस ग्रुप ऑफ स्कूल्स के चेयरमैन डॉ० जी० एल० कालेर ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह था कि शिक्षकों को यह समझाने में मदद मिल सके कि कैसे लर्निंग आउटकम्स (सीखने के परिणाम) को सही तरीके से परिभाषित किया जा सकता है और उसे अपनी पेडागॉजी में लागू किया जा सकता है।
वहीं प्रिंस इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. अनिता पंत शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, “शिक्षा में बदलाव लाना अत्यंत आवश्यक है, और इस प्रकार की कार्यशाला से हम अपने शिक्षकों को न केवल नई जानकारी प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें प्रेरित भी करते हैं कि वे अपनी शिक्षण विधियों को और अधिक प्रभावी बनाएं।”इस अवसर पर संस्थान एकेडमिक डायरेक्टर समीर शर्मा, प्रिंसिपल डॉ. अनिता पंत शर्मा, महेन्द्र सैनी व सभी स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।