मृतक के परिवार को मिला बीमा योजना का लाभ
दांतारामगढ़ [प्रदीप सैनी ] भारतीय स्टेट बैंक दांता शाखा में एक व्यक्ति द्वारा लिए गए ऋण की राशि को बीमित व्यक्ति की मृत्यु के बाद बैंक द्वारा माफ करने से ऋणी के परिजनों को आर्थिक संबल मिला। शाखा प्रबंधक मनीष कुमार वर्मा, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के एरिया मैनेजर नरेंद्र बाजिया एवं शशिकांत वर्मा ने बैंक में उपस्थित ग्राहकों के समक्ष मृतक रामस्वरूप की धर्मपत्नी प्रेम देवी एवं पुत्र अमरचंद को 3 लाख 40 हजार 492 रुपए का चैक सौंपा। मृतक की पत्नी प्रेम देवी ने भारतीय स्टेट बैंक परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बैंक द्वारा लोन की राशि को माफ करने से उनके परिवार को काफी आर्थिक सहारा मिला है। जानकारी देते हुए शाखा प्रबंधक मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि रामस्वरूप शर्मा निवासी दांता ने भारतीय स्टेट बैंक की दांता शाखा से 4 लाख 70 हजार रुपये का व्यक्तिगत ऋण ले रखा था। बैंक से ऋण लेते समय रामस्वरूप शर्मा ने भारतीय स्टेट बैंक की ऋण रक्षा योजना के तहत बीमा करवाया था। करीब 6 माह पूर्व 17 दिसम्बर 2018 को रामस्वरूप शर्मा का आकस्मिक निधन हो गया। शाखा प्रबंधक ने बताया कि बैंक से ऋण लेते समय रामस्वरूप शर्मा द्वारा भारतीय स्टेट बैंक की ऋण रक्षा योजना के तहत बीमा करवाने की वजह से रामस्वरूप शर्मा की मृत्यु होने के बाद संपूर्ण बकाया राशि को बैंक ने बीमा राशि के माध्यम से माफ कर दिया तथा शेष राशि को मृतक की धर्मपत्नी प्रेम देवी बैंक खाते में जमा कर दिए। उन्होंने बताया कि उनकी मृत्यु के समय बैंक के लगभग तीन लाख रुपए बकाया चल रहे थे जो कि बीमा होने की वजह से भारतीय स्टेट बैंक में है। बीमा राशि से संपूर्ण लोन को चुकती कर दिया। बीमा राशि से ऋण माफ होने की वजह से मृतक के परिवार को आर्थिक संबल मिला। शाखा प्रबंधक ने भारतीय स्टेट बैंक की ओर से चलाई जा रही ऋण रक्षा योजना के बारे में समस्त उपस्थित ग्राहकों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैंक की प्रत्येक योजना के बारे में संपूर्ण जानकारी ग्राहकों को जानने का अधिकार है और प्रत्येक योजनाओं का लाभ लेने के लिए उनकी शर्तों की पालना करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने शेखावाटी लाइव से मीडिया के माध्यम से बैंकों द्वारा चलाई जा रही बीमा योजनाओं के बारे में आमजन तक जानकारी पहुंचाने में सहयोग प्रदान करने की अपील भी की। जिससे अधिक से अधिक लोगों को योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके।