किशोरपुरा की ढाणियों में
गुढा गौड़जी,[संदीप चौधरी ] किशोरपुरा गांव की ढाणिया प्यासी, बोरिंग नकारा, मजबूर ग्रामीण लॉक डाउन में कहां से लाए पानी सैकड़ों बार बता चुके हैं समस्या सुनने वाला कोई नहीं । लॉक डाउन के तीसरे चरण और ऑरेंज जॉन में आने के बाद पिछले काफी समय से पेयजल की गंभीर समस्या का दंश झेल रहे किशोरपुरा की ढाणियों के लोग हाथों में खाली मटके लेकर अपने घरों से बाहर सड़क पर आ गए । पानी की मांग को लेकर गुस्साए महिला पुरुषों ने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए विरोध जताया। आदिवासी मीणा सेवा संघ के प्रदेश प्रधान सुरेश मीणा किशोरपुरा ने बताया गांव कि देवनारायण डूंगरी पर दो बड़ी टंकिया बनी हुई है जिनसे ढाणियों में पानी सप्लाई होता था। पिछले 5 महीने से गांव की बोरिंगो का पानी सूख गया हैं। जिसके बाद से भोपा की ढाणी, बांकली, गधसिंह वाली, भादरसिह वाली, खोखरियावाली, धाबाइयो की ढाणी, नवडा, डेरियावाली, पापडिया वाली, चौढाणी, रावलयाली सहित कई ढाणियों में जल संकट गहरा गया हैं। स्थिति यह है कि लोगों के घरों में नलो में पानी तो दूर की बात हैं ढाणियों में बनी पेयजल की टंकिया भी सुखी पड़ी है। जीना सैनी व राजेश खटाना ने बताया कि ढाणियों में अधिकतर लोग गरीब कामगार है वो रुपए देकर टैंकर डलवाने में सक्षम नहीं है। सुरेश मीणा किशोरपुरा ने शासन प्रशासन से मांग की है की गर्मी की इस तपती धूप मे लॉक डाउन के बीच समय रहते मजबूर ग्रामीणों के लिए टैंकर लगवाए जाकर पानी कि समस्या दूर की जाए अन्यथा मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। इस मौके पर सुरजाराम बाकली, चोखाराम सैनी, राजू सैनी, कैलाश सैनी, महेंद्र खटाना, भादरमल खटाना, रणजीत सैनी, जीना सैनी, छगन लाल, मनी देवी, कोशल्या देवी, आची देवी, बाली देवी सहित कई महिला पुरुष अपने घरों के सामने मौजूद थी ।