शेखावाटी में बेटियाँ बोझ नहीं
खेतड़ीनगर [हर्ष स्वामी ] कई जगह अभी भी बेटियों को कोख में मारा जा रहा है, ऐसे में दलालों की पकड़ धकड़ भी होती है फिर भी ऐसे कारनामे करने वाले बाज नहीं आते हैं। वही झुंझुनू जिले में ऐसी परंपरा डाल दी है कि अब जिले में बेटियां बोझ नहीं समझी जाती है बल्कि खुशियां मनाई जाती है। बेटियों को जन्म लेते ही लड़के की तरह कुआं पूजन व प्रीतिभोज किया जाता है उसी तरह बेटियों का भी करने लगे है। सिंघाना कस्बे में भंवर राजौरा ने भी ऐसी मिसाल अपनी पोती के जन्मदिन पर केक काटकर संदेश तो दिया ही साथ ही प्रीतिभोज करवाया है व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संदेश को सार्थक किया है।