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प्राण घातक हमले के आरोपी को 10 वर्ष का कारावास

पांच हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित

अपर सेंशन न्यायाधीश संख्या एक झुंझुनूं मुज्जफर चौधरी द्वारा दिये एक निर्णय में प्राण घातक हमले के आरोप में हिम्मत सिंह उर्फ हाथी सिंह पुत्र जगदीश सिंह राजपूत निवासी धमोरा थाना गुढ़ागौडज़ी को 10 वर्ष का साधारण कारावास व पांच हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया है जबकि इस मामले के दूसरे आरोपी राजेन्द्र सिंह पुत्र बहादुर सिंह राजपूत निवासी धमोरा को संदेह का लाभ देकर सभी आरोपो से बरी कर दिया है। मामले के अनुसार 19 जून 2017 को भवानी सिंह ने पुलिस थाना गुढ़ागौडज़ी के समक्ष रिपोर्ट दी कि 18 जून 2017 की सायंकाल करीब 9:45 बजे हिम्मत सिंह व राजेन्द्र सिंह गाली-गलौच करते हुये शराब के नशे में आये। हम घर पर खाना खाकर आराम कर रहे थे। आवाज सुनकर घर का मुख्य दरवाजा खोला तो दोनों ही व्यक्ति धारदार हथियार व लोहे का सरिया लेकर घर में घुस गये और उसके भान्जे जितेन्द्र एवं स्वयं उसके साथ मारपीट करने लग गये और कहने लगे की शराब हमसे क्यों नही खरीदते हो, ठेके से शराब खरीदी तो जान से मार देंगे। लड़ाई में हिम्मत सिंह ने भवानी सिंह के सिर, कंधे, हाथ-पेर पर चोटे मारी जिसका गुढ़ा अस्तपाल में ईलाज चल रहा है तथा उसके भान्जे जितेन्द्र सिंह के भी चोट आयी आदि। पुलिस ने मामला दर्ज कर बाद जांच हिम्मत सिंह व राजेन्द्र सिंह के विरूद्ध सम्बन्धित न्यायालय में प्राण घातक हमले आदि की चार्जशीट पेश कर दी। बाद में यह मामला सेंशन न्यायाधीश झुंझुनूं के आदेशानुसार अंतरित होकर निस्तारण हेतु इस न्यायालय को प्राप्त हुआ। अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 15 गवाहान के बयान करवाये गये थे तथा 24 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये गये। पीडि़त पक्ष की तरफ से पैरवी करते हुये अनूप गिल ने न्यायालय में तर्क दिया कि भवानी सिंह आहत के सिर में प्राण घातक चोट है व अन्य चोटे भी आयी है। न्यायाधीश ने पत्रावली पर आई साक्ष्य का बारिकी से विश£ेषण करते हुये राजेन्द्र सिंह को उक्त अनुसार सभी आरोपो से संदेह का लाभ देकर दोष मुक्त कर दिया जबकि हिम्मत सिंह उर्फ हाथी सिंह को उक्त अनुसार सजा देते हुये अन्य विभिन्न धाराओ में भी और सजा देते हुये सभी सजाएं साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया।

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