झुंझुनू, नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने सहित अन्य अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पिलानी नगरपालिका के खिलाफ जारी पार्षद राजकुमार नायक का धरना आज जिला कलेक्टर के आश्वासन पर वापस ले लिया गया है।भाजपा नेता राजीव सिंह ने की कलेक्टर से बात। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव सिंह शेखावत पालिकाध्यक्ष हीरालाल नायक के साथ आज धरना स्थल पर पहुंचे तथा पार्षद राजकुमार नायक व धरने पर बैठे अन्य लोगों से मिले। पार्षद राजकुमार नायक ने नगर पालिका से सम्बन्धित शिकायतों के बारे में उन्हें बताया तथा मुख्यमंत्री सम्पर्क पोर्टल पर की गई शिकायत सहित अब तक की कार्यवाही से उन्हें अवगत करवाया। पार्षद नायक ने नगरपालिका में बिलों के भुगतान में अपारदर्शिता, नियम विरुद्ध पट्टों, सफाई व्यवस्था, सफाई ठेकों के भुगतान, टेंडर प्रक्रिया, वार्डों में हो रहे नाली व क्रॉसिंग के निर्माण में भ्रष्टाचार, कार्यालय की गाड़ी के दुरुपयोग सहित अन्य अनियमितताओं की जानकारी दी। भाजपा नेता राजीव सिंह शेखावत ने पार्षद राजकुमार नायक व धरने पर मौजूद अन्य लोगों को शिकायतों के बारे में जिला कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी को दूरभाष पर विस्तारपूर्वक अवगत करवाया। जिला कलेक्टर ने 10 दिन की समयावधि में सभी शिकायतों की जांच का आश्वासन दिया। जिला कलेक्टर के आश्वासन के बाद पिछले 2 माह से नगरपालिका कार्यालय के सामने जारी धरना वापस ले लिया गया। पालिकाध्यक्ष हीरालाल नायक ने भी सभी शिकायतों को बोर्ड की आगामी मीटिंग में लेने का आश्वासन धरने पर बैठे आंदोलनकारियों को दिया है।
वार्ता के दौरान ये लोग रहे मौजूद
धरने पर आज पार्षद राजकुमार नायक, सांवरमल डगला, दिलीप सिंह बागड़ी, लक्ष्मण सिंह भाटी, जगदीश सैनी, बलबीर सिंह प्रजापत, राजेंद्र बोयत, धर्मेंद्र चारण, श्यामलाल, श्री राम, अमर सिंह शेखावत, बजरंग लाल, अशोक नायक, प्रदीप सैनी, शुभम, दिनेश चारण, साहिल, पोकर मल, कैलाश, राजेश आदि मौजूद थे। पार्षद राजकुमार नायक ने धरना वापस लेते वक्त चेताया कि प्रशासन द्वारा तय समयावधि में शिकायतों पर संतोषजनक कार्यवाही नहीं हुई, तो पुनः इसी जगह धरना शुरू कर दिया जायेगा।
लोगों में बढ़ रहा था आक्रोश
कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान के नीचे नगरपालिका के सामने 2 महीने से जारी इस धरने पर प्रशासनिक उदासीनता के चलते लोगों में आक्रोश भी बढ़ रहा था। पार्षद सलीम, राजेन्द्र नायक, बाबूलाल, पवन, बलबीर नायक, बजरंग लाल पंवार सहित अन्य लोगों का कहना था कि धरने पर बैठे लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए यहां नहीं बैठे। भ्रष्टाचार, नियम विरुद्ध जारी किये गए पट्टे व अन्य अनियमितताओं को लेकर की गई शिकायतों पर कोई कार्यवाही न होना ये दर्शाता है कि प्रशासन इन मुद्दों पर किस कदर उदासीन है। नगरपालिका के एक निर्वाचित पार्षद को जब इन मुद्दों पर 2-2 महीने धरना देना पड़ सकता है, तो आम आदमी की तो क्या बिसात रह जाती है।