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प्रशिक्षु महिलाओं को दी टीबी जागरूकता को लेकर विभिन्न जानकारी

ग्राम सीतसर स्थित बडौदा स्वरोजगार संस्थान में

झुंझुनूं , निकटवर्ती ग्राम सीतसर स्थित बडौदा स्वरोजगार संस्थान में शनिवार को प्रशिक्षु महिलाओं स्टॉफ सदस्यों को सामूहिक रूप से को टीबी जागरूता को लेकर विभिन्न जानकारी दी गई। कार्यक्रम में जिला क्षय निवारण केंद्र से जिला पीपीएम कॉडिनेटर मोहन चाहर ने प्रशिक्षु महिलाओं का बताया केंद्र सरकार ने 2025 तक देश में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य लिया है। यह लक्ष्य आमजन का सामुदायिक भागीदारी बिना पूरा होना संभव नही है। देश में टीबी के प्रति अशिक्षा होने के कारण स्वास्थ्य विभाग को टीबी उन्मूलन में अभी तक पूरी तरह से सफलता नही मिली है। चाहर ने प्रशिक्षु महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि अपने घर के आस-पास दो हफ्ते से अधिक खांसी, लंबे समय से हल्का बुखार आना, रात के समय पसीना आना, भुख नही लगना, वजन में लगातार गिरावट आना, बलगम में खून आदि जो संभावित टीबी रोगी के लक्षण है। इन प्रकार के लक्षणों वाले रोगियों को शिघ्रता से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी की जांच के लिए रैफर करें। इस मौके पर टीबीएचवी पवन कुमार ने बताया कि देश में टीबी रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने अनेक योजनाएं शुरू की है। जिसमें प्रत्येक रोगी को जांच से लेकर पूरे इलाज तक सभी सुविधाएं नि:शुल्क दी जाती है। साथ ही इलाज के दौरान सरकार की निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी रोगी को प्रतिमाह 500 रूपये की पोषण के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। संस्थान निदेशक रामसिंह न्यौला ने प्रशिक्षु महिलाओं को बताया व्यक्ति को किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए सर्वप्रथम उसका स्वस्थ होना आवश्यक है, टीबी रोगी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से समाज को प्रभावित करता है, इसलिए हमे अपने नजदीक संभावित टीबी रोगियों को खोजने व इलाज दिलवाने में स्वास्थ्य विभाग का हरसंभव सहयोग करना चाहिए। जिससे देश को जल्द से जल्द टीबी जैसी बीमारी से मुक्ति मिल सके। इस मौके पर संस्थान के एफएलसीसी जीएल डिग्रवाल, फैकेल्टी डॉ. विजयपाल तिलोटिया, प्रदीप कुमार शर्मा, ट्रेनर चंद्रकला सहित अनेक प्रशिक्षु महिलाओं ने भाग लिया।

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