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कामधेनु सेना ने मुख्यमंत्री के नाम उपखंड़ अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

राज्य केबिनेट द्वारा लिये गये चारागाह भूमि फैसले को निरस्त करवाने की मांग की

दांतारामगढ़, [प्रदीप सैनी ] कामधेनु राष्ट्रीय गौरक्षा समिति की कामधेनु सेना ने राज्य केबिनेट द्वारा लिये गये चारागाह भूमि फैसले को निरस्त करवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम उपखंड़ अधिकारी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया गया है कि राजस्थान केबिनेट ने गोचर भूमि पर जो अतिक्रमी पिछले 30 सालों से कब्जा किये हुए बैठे हैं उन्हें राजस्थान सरकार पट्टे जारी करने का जो आदेश फरमा रही है वह प्रदेश के सभी गोवंश व गो सैनिकों का अपमान करने जैसा कार्य हैं। कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार में प्रदेश में पिछले 3 सालों से गोवंश हितार्थ जो सराहनीय कार्य किये है वे वास्तव में काबिले तारीफ है लेकिन अचानक राज्य सरकार द्वारा गौचर भूमि पर पिछले 30 सालों से कब्जा जमाये बैठे अतिक्रमियों को उसी गौचर भूमि में से प्रत्येक व्यक्ति को 100 वर्गमीटर का पट्टा जारी करने का जो आदेश जारी किया गया उससे प्रदेश के समस्त गो सैनिकों को गहरा आघात पहुंचा हैएं।क्योंकि एक तरफ तो सरकार व गोपालन विभाग गोवंश हितार्थ सराहनीय कार्य कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर गोवंश को सड़कों पर लाने को मजबूर कर रही हैं। पूरे प्रदेश में गौसैनिक दिन रात बिना किसी प्रलोधन व लालच के निस्वार्थ भाव से गोचर भूमि को प्रशासन के सहयोग द्वारा अतिक्रमियों से छुड़ाने हेतु प्रयासरत है लेकिन आपके द्वारा जो आदेश जारी किया गया उसके बाद से सभी गौ सैनिक हताश हो गये क्योंकि सम्पूर्ण भारत में अनेक राज्य सरकार गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करवाने हेतु प्रयासरत हैं। वहीं सर्वाधिक गोवंश होते हुए भी राजस्थान सरकार गोवंश विरोधी कानून बना कर गोवंश को सड़कों पर लाने को विवश कर रही हैं। गोचर भूमि पर गायों के अलावा अन्य किसी व्यक्ति का कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि जब प्रदेश में गोचर भूमि ही नहीं रहेगी तो स्वतः ही प्रदेश का गोवंश सड़कों पर भटकने पर मजबूर हो जायेगा और प्रतिदिन हजारों लोग दुर्घटना के शिकार होकर कालग्रसित हो जायेंगे। राज्य सरकार की केबिनेट द्वारा 30 सालों से गौचर पर कब्जा किये बैठे अतिक्रमियों को पट्टे जारी करने सम्बन्धित लिये गये फैसले को निरस्त करते हुए अतिक्रमियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का फैसला लिखें ताकि प्रदेश का गोवंश सुरक्षित रह सके व गौ सैनिकों में उत्साह बना रहे अन्यथा मजबूर होकर एक आन्दोलन के रूप में प्रदेश के सभी गौ सैनिकों को गांवंश के साथ साथ राज्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरना पड़ेगा इसमें होने वाले समस्त नुकसान हेतु राज्य सरकार उत्तरदायी रहेगी।

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