राजस्थान एपिडेमिक डिजीजेज ऑडिनेंस के अन्तर्गत
झुंझुनू, कोविड 19 की रोकथाम के लिए गृह विभाग की ओर से जिले में हाल ही में आये हुए अथवा आने वाले प्रवासियों के लिए राजस्थान एपिडेमिक डिजीजेज ऑडिनेंस के अन्तर्गत अनिवार्य क्वारेंटाईन करने के निर्देश जारी किये गए है। इसके लिए जिला, उपखण्ड, ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर तक प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए क्वान्टीन प्रबंधन समितियों का गठन किया गया है। आज सोमवार को जिला स्तरीय क्वान्टीन प्रबंधन समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक को सम्बोधित करते हुए सांसद नरेन्द्र कुमार ने कहा कि इस व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन की ओर से जो क्वारेंटीन सेंटर बनाएं गए है उनकी कंट्रोलिंग प्रभावी होनी चाहिए। कई बार विभिन्न जगहों से साफ-सफाई, खाने पीने की शिकायतें प्राप्त हो रही है, ऎसा नहीं होना चाहिए वहां रहने वाले व्यक्ति को घर जैसा सुखद माहौल्ल मिलना चाहिए, ताकि बीमारी के अलावा वे मानसिक रूप से भी स्वस्थ्य रहे। उन्होंने क्वालिटी सुधारने तथा व्यवस्थाओं को सुलभ बनाने की बात कही। जिला कलक्टर उमर दीन खान ने कहा कि बाहर से आने वाले व्यक्ति स्वयं पहल करते हुए अपनी सूचना जिला प्रशासन को देवें, उन्हें किसी प्रकार से प्रताडित नहीं किया जाएगा, उन्हें आवश्यकतानुसार उनके स्वयं के घर या घर के नजदीक बने क्वारेंटीन सेंटर में पूरी सुविधा के साथ रखा जाएगा। होम क्वारेंटीन की पालना करना व्यक्ति की स्वयं की जिम्मेदारी है, इससे उसके परिवार के सदस्य और आस-पडौस के व्यक्ति भी अपने को सहज महसूस करें। उन्होंने कहा कि अगर ऎसा नहीं होता है तो मजबूरन पुलिस की सहायता लेनी पडेगी, और उन्हें उनके क्षेत्र के अतिरिक्त अन्य तहसील के क्वारेंटीन सेंटर में सिफट कर दिया जाएगा। उन्होंने सभी बीट कांस्टेबलों से कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में होम क्वारेंटीन में रहने वाले लोगों को नियमित रूप से चैक करें और उन्हें घर पर ही रहने के लिए पाबंद करें। सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनियां ने कहा कि पचेरी स्थित क्वारेंटीन सेंटर का उन्होंने स्वयं निरीक्षण किया जहां पर साफ-सफाई सहित कई खामिंया सामने आई। उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि वे इन सुविधाओं में सुधार करें और भविष्य में इसकी पुर्नावती नहीं हो इस बात का भी ध्यान रखें। सीएमएचओ डॉ. प्रताप सिंह दूतड ने बताया कि जिले में बाहर से आने वाले व्यक्तियों के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था लागू की गई है। सबसे पहली व्यवस्था अगर व्यक्ति के स्वयं के घर में उचित जगह है, जहां वह अपने परिवार के अन्य सदस्यों के सम्पर्क में नहीं आए, तो उसे उसके घर पर होम क्वारेंटीन किया जाता है। दूसरी व्यवस्था के तहत व्यक्ति को उसके घर के नजदीक या गांव के सरकारी भवन या अन्य भवन जहां जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं की गई है वहां क्वारेंटीन किया जाता है। जिले में ऎसे 130 सेंटर स्थापित है। तीसरी व्यवस्था के तहत बाहर से आने वाले व्यक्ति की स्कैनिंग के दौरान संदिग्ध लक्षण मिलने पर उसे चिकित्सकीय देखरेख में संस्थागत क्वारेंटीन सेंटर में रखा जाता है और आवश्यक रूप से उसकी सैम्पलिंग की जाती है। इसके बाद जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है उसे बीडीके अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है तथा नगेटिव आने पर उसे घर भेज दिया जाता है। इसके अतिरिक्त शहर के श्री बंधे का बालाजी एवं खेमी सती मंदिर में भी कोविड केयर सेंटर स्थापित किये गए है, जहां पर ऎसे व्यक्तियों को रखा जाता है, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव हो और उनके बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हों। दूतड ने बताया कि कोरोना से घबराने की आवश्यकता नहीं है बस सावधानी से अपना जीवन यापन करें और सरकार की एडवायजरी का पूरा पालन करें। बैठक में जिला परिषद सीईओ रामनिवास जाट, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र मीणा, सीएमएचओ डॉ. प्रताप सिंह दूतड, डॉ. छोटेलाल गुर्जर, डीएसओ अमृत लाल, नगर परिषद आयुक्त रोहित मील, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम दत जाट उपस्थित रहे।