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राजपूत समाज ने आक्रोश जाहिर करते हुए किया विरोध प्रदर्शन

दाह संस्कार के स्थान से राख व अस्थी उठाकर दुसरे स्थान पर रखने से

गांव श्यामपूरा चारणवास में दाह संस्कार के स्थान से राख व अस्थी उठाकर दुसरे स्थान पर रखने से गांव के राजपूत समाज ने गुस्सा जाहिर करते हुए गुरूवार को जिला कलेक्टर पर विरोध प्रदर्शन किया तथा जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर न्याय की मांग की। ज्ञापन में राजपूत समाज के लोगो ने बताया कि श्यामपुरा उर्फ चारणवास जब से बसा है तब से ही गोचार भूमि में कटान की भूमि श्मशान के रूप में काम ली जा रही है। उक्त श्मशान भूमि में राजपूत समाज के मुर्दो को जला रहा है। उक्त मरघट की जमीन पर गांव के कुछ लोगो ने अतिक्रमण कर रखा है। 27 जून को उक्त जमीन पर मृतका भगवानी देवी पत्नी प्रहलाद सिंह कविया का दांह सस्कार किया गया था। दाह संस्कार के बाद अंतिम संस्कार में शामिल लोगो के वापिस चले जाने के बाद गांव के हरलाल, मदन व कैलाश के घरवालो ने चिता को पानी व मिट्टी डालकर बुझाने की कोशिश की तथा सदर थाने में झूठी रिर्पोट दर्ज करवा दी थी। बुधवार रात्रि को सीटी सीओं ममता सारस्वत के नेतृत्व में दल बल के साथ रात्रि को मृतका की अस्थियों को उठाकर 200 मीटर दूर डाल देने से मामले ने तूल पकड़ लिया है। गौरतलब है की 30 मई को गांव के कुछ लोगो ने घर के सामने महिला का दाह-संस्कार आरोप लगाते हुए कलेक्टे्रट पर विरोध प्रदर्शन किया था। साथ ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर चिता की भस्म को साफ करवाने तथा दोषियो के खिलाफ कारवाई की मांग की थी। इधर अस्थी को दूसरी जगह रखने से राजपूत समाज में रोष व्याप्त है। उन्होंने ने कहा की यह हमारे धार्मिक व सामाजिक दायित्वों के विरूद्ध है। इससे हमारे पूर्वजो की अस्थियों को ठेस पहुंची है। इससे राजपूत समाज में काफी रोष व्याप्त है। राजपूत समाज के लोगों ने मृतका की अस्थियां वही रखने की मांग की है साथ ही मृतका की अस्थियों को जगह-जगह बिखरने वालो के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की मंाग है। कार्रवाई नहीं होने पर राजपूत समाज ने आमरण अनशन की चेतावनी दी है।

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