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घाटवा में बड़ी धूमधाम से मनाया सेना के जवानों का सेवानिवृत्ति समारोह

देशभक्ति नारों से गूंज उठा पूरा आसमान

दांतारामगढ़, [लिखा सिंह सैनी ] निकटवर्ती ग्राम घाटवा में शुक्रवार को भारतीय सेना के दो वीर सपूतों का ग्रामवासियों द्वारा भव्य स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। कस्बे में नए साल के साथ ही ख़ुशी और उत्साह का माहौल था। सुरेश कटारिया ने बताया कि सुबह 10 बजे सूबेदार हनुमान सिंह शेखावत का स्वागत रामलीला मैदान में किया और फिर दोपहर 12:30 बजे घाटवा गौशाला के पास एसीपी हवलदार मूलचन्द सैनी का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर दोनों जवानों के परिवारों के सदस्य व ग्रामवासी मौजूद रहे। डीजे व गाजे-बाजे के साथ जवानों के घर तक महिलाओं और पुरुषों ने पुष्पवर्षा की। इस दौरान मां भारती के नारों से पूरा आसमान गूंज उठा। दांतारामगढ़ पत्रकार समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार सैनी, गिरधारी सोनी, लिखासिंह सैनी, सुरेश कुमावत, रमेश प्रजापत ने सेवानिवृत्त फौजी को माला पहनाकर मां भारती का चित्र भेंट किया। स्वागत समारोह में ग्राम के सभी गणमान्य लोगों के भाग लिया। कटारिया ने बताया कि ग्राम के लिये सौभाग्य की बात है कि देश के जवानों का स्वागत सत्कार हुआ और यह परम्परा आगे भी जारी रहेगी। इस कार्यक्रम से युवाओं में सेना के प्रति जोश का संचार देखने को मिला। अंत में दोनों वीर सपूतों ने ग्रामवासियों का आभार जताया और धन्यवाद ज्ञापित किया। स्व. सुवालाल सैनी स्मृति संस्थान घाटवा द्वारा विकलांग महिला को शाल ओढ़ाकर सम्मान किया व  2100 रुपये भेंट किये एवं गौशाला घाटवा में 50 किलो गुड गायों को खिलाया। मूलचन्द सैनी ने 7 दिसंबर 2004 को आर्मी जॉइन की और बेंगलुरु के सेना सेवा कोर संगठन यांत्रिक परिवहन आर्मी केंट से देश सेवा में अपनी शुरुआत की। 17 वर्षों की गौरवमयी देश सेवा के उपरांत 31 दिसंबर 2021 को सकुशल घर वापसी की। गौरतलब है कि मूलचंद सैनी का परिवार चार पीढ़ियों से भारतीय डाक विभाग में कार्यरत हैं। कस्बे में दूसरे सैनिक सूबेदार हनुमान सिंह शेखावत भी तीस सालों तक सेवाएं देकर सेवानिवृत्त होने पर जनप्रतिनिधियों सहित अनेक लोगों ने दोनों सैनिकों का स्वागत किया। इस अवसर पर सरपंच पूरण मल कुमावत, उपसरपंच सुरेन्द्र सिंह, समाजसेवी हनुमान सिंह, गौशाला प्रमुख मालसिंह शेखावत, उपप्रधान मोहनलाल कुमावत, संदीप मिश्रा, उदयराम कटारिया, राजेन्द्र सैनी, सुरेश सैनी, रामनिवास सैनी, दशरथ सिंह, देवेन्द्र गढ़वाल और ग्राम से महिलाएं और बच्चे मौजूद रहे।

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