चुरूताजा खबर

चुनावों के दौरान मतदान दलों की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण – सिहाग

सरदारशहर विधानसभा चुनाव अंतर्गत चूरू, तारानगर व सुजानगढ़ में हुआ

पीठासीन अधिकारियों एवं मतदान अधिकारी प्रथम का प्रशिक्षण

चूरू, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा है कि चुनावों के दौरान मतदान दलों की भूमिका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होती है, इसलिए मतदान दलों से जुड़े पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी बेहतर ढंग से अपना प्रशिक्षण लेकर निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न करवाएं। जिला कलक्टर मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित राजकीय विधि महाविद्यालय में सरदारशहर विधानसभा उप चुनाव अंतर्गत आयोजित पीठासीन अधिकारियों एवं मतदान अधिकारियों (प्रथम) के प्रशिक्षण को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हालांकि अधिकतम कार्मिक चुनावों के अनुभवी हैं तथा अनेक चुनाव संपन्न करवा चुके हैं, फिर भी प्रशिक्षण को गंभीरता से लें और प्रत्येक बिंदु पर एकदम स्पष्ट रहें। किसी प्रकार का असमंजस हो तो उसे प्रशिक्षण के दौरान ही क्लीयर कर लें। मतदान प्रक्रिया एकदम निष्पक्ष, स्वतंत्र, पारदर्शितापूर्ण होने के साथ-साथ त्रुटिरहित संपन्न हो, यह आपका दायित्व है। सभी कार्मिक कोविड रोधी बूस्टर डोज लगवाया जाना सुनिश्चित कर लें। उन्होंने कहा कि सभी कार्मिक उप चुनाव को गंभीरता से लें और पूरी सतर्कता, सजगता एवं सक्रियता के साथ अपना दायित्व निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया के दौरान मतदान दलों को न केवल निष्पक्ष रहना है, अपितु उनकी यह निष्पक्षता दिखनी भी चाहिए।

सीईओ पीआर मीणा ने भी प्रशिक्षण के दौरान आवश्यक निर्देश दिए। विधानसभा स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स ने सभी कार्मिकों को मतदान प्रक्रिया के संबंध में आवश्यक जानकारी प्रदान की और बारीकी से एक-एक प्रक्रिया पर चर्चा कर अवगत करवाया। इस दौरान एसडीएम निखिल कुमार, तहसीलदार धीरज झाझड़िया, विधि महाविद्यालय प्राचार्य श्रवण सैनी, डॉ जेबी खान, सोमेश शर्मा, बजरंग सैनी, खालिद तुगलक, हवासिंह, दलीप सरावग सहित संबंधित अधिकारी, प्रशिक्षण, पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी प्रथम मौजूद थे।

सीईओ पीआर मीणा ने बताया कि मंगलवार को चूरू के अलावा सुजानगढ़ के रतनीदेवी सेठिया कॉलेज तथा तारानगर के एमजेडी कॉलेज में भी पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी प्रथम का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिन कार्मिकों ने पूर्व में कोविड रोधी बूस्टर डोज नहीं लगवाया हुआ था, उन्हें बूस्टर डोज भी प्रशिक्षण स्थलों पर लगाया गया।

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