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सादगी से अदा की गई रस्मे अलम (झंडा रोहण) और रस्मे ग़ुस्ल

दरगाह शरीफ आफ़्ताबे शेखावाटी में

फतेहपुर शेखावाटी(बाबूलाल सैनी) कस्बे की ऐतिहासिक दरगाह हज़रत ख्वाजा हाजी मुहम्मद नजमुद्दीन साहिब सुलैमानी चिश्ती अल्फारूक़ी रदियल्लाहु अन्हु में 154वें सालाना उर्स के मौके पर रस्मे अलम और रस्मे ग़ुस्ल दरगाह के सज्जादा नशीन व मुतवल्ली नसीरे मिल्लत पीर ग़ुलाम नसीर साहिब नजमी सुलैमानी चिश्ती अल्फारूक़ी के हाथों से सादगी के साथ अदा की गई। इस मौके पर सज्जादा नशीन व मुतवल्ली द्वारा मुल्क में कोविड19 के बढ़ते संक्रमण की वजह से सादगी से उर्स मनाने के निर्णय के तहत केवल अपने पुत्र और भाई के साथ शाम 6 बजे दरगाह के बुलंद दरवाज़े पर झण्डे की रस्म अदा की गई, तथा देर रात मुख्य मज़ार पर गुलाबजल और केवड़े से ग़ुस्ल दिया गया और संदल की रस्म अदा की गई। इस मौके पर मुल्क में अमन चैन, और तरक़्क़ी की व कोविड 19 से पूरी दुनिया ए इंसानियत के छुटकारे के लिए दुआ की गई। साथ ही हज़रत पीर ग़ुलाम नसीर साहिब नजमी सुलैमानी चिश्ती अल्फारूक़ी की जानिब से फिर से सभी मुरीदों और जायरीनों के लिए यह हिदायत जारी की गई कि उर्स के दौरान कोई भी दरगाह न आएँ, बल्कि अपने अपने घरों में ही नियाज़ फातिहा कर अपनी अक़ीदत का इज़हार करें।

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