जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट द्वारा जारी किये गये निर्देश
झुंझुनू, जिले में सरपंच द्वारा कार्यालय की मोहर जेब में रखकर रास्ते चलते किसी भी व्यक्ति को कोई भी प्रमाण पत्र जारी करना अब सम्भव नही होगा। सामान्य तौर पर पंचायत क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति आय, मूल निवास, सम्पति के स्वामित्व, उतराधिकार, चरित्र के बारें में अपनी ग्राम पंचायत के सरपंच से तत्काल प्रमाणपत्र जारी करने की अपेक्षा करता है। मतदाता को संतुष्ट करने, नियमित रूप से पंचायत कार्यालय में नहीं जाने, या कार्यालय प्रक्रिया की पूरी जानकारी के अभाव में सरपंच अपने घर पर आये या किसी स्थान पर मिले व्यक्ति को मोहर लगाकर ऐसे प्रमाणपत्र दे देते हैं। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट द्वारा निर्देश जारी कर इस प्रक्रिया को नियम विरुद्ध बताया है। जारी निर्देशों में कहा गया है कि सरपंच एक कार्यालय अध्यक्ष है, जिसे अपने कार्यालय में आवेदन पत्र प्राप्त होने पर पंचायती राज नियमों में उल्लेखित फीस जमा कर निर्गम रजिस्टर में क्रमांक अंकित करते हुऐ कोई प्रमाणपत्र जारी करना होता हैं। यदि ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड में फीस जमा किए बिना यदि कार्यालय अध्यक्ष द्वारा कोई प्रमाण पत्र जारी किया जाता है तो यह पद का दुरूपयोग एवं अपकीर्तिकर आचरण माना जायेगा। सीईओ ने सरपंचों को सलाह दी है कि कुछ सामान्य प्रकृति के प्रमाण पत्र जारी करने के लिये ग्राम पंचायत में निर्णय लेकर उपसरपंच को भी अधिकृत कर देना चाहिये। सीईओ ने ग्राम पंचायत के निर्णयों में वार्ड पंचों के कोरम की भागीदारी बढ़ाने के निर्देश भी दिये हैं।