आशा सहयोगनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व अन्य कोई भी कम्युनिटि वॉलिंटियर होगा पात्र
टीबी रोगी खोजने में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 3 आशा होगी अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित
झुंझुनूं, देश में वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी रोगियों को लेकर अनेक प्रकार की योजनाएं शुरू कर रखी है। इसी के साथ अब जमीनी स्तर तक कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए तथा आमजन में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के प्रति सामुदायिक भागीदारी पैदा करने के लिए सभी जिलों में टीबी रोगी खोजने वालों के लिए 500 रूपये प्रति रोगी प्रोत्साहन राशि देने की योजना शुरू की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. छोटेलाल ने बताया कि वर्ष 2025 तक क्षय रोग उन्मूलन के लिए सभी लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति की दिशा में विभागीय निर्देश प्राप्त हुए है। जिसके तहत जिले में मिशन मोड पर इसके लिए प्रयास किया जा रहा है, ताकि जिले में तय समय में क्षय उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकें। सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल ने बताया कि विभाग की नई योजना के तहत सभी बीसीएमओ को निर्देशित किया गया है कि वे अपने ब्लॉक के समस्त आशा सहयोगनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व अन्य सक्रिय कम्युनिटि वॉलिंटियर की भागीदारी सुनिश्चित करें और टीबी रोगी खोजने में आगे आने वाले इस समुह को 500 रूपये प्रति रोगी प्रोत्साहन राशि से लाभाविंत करवाएं।
निक्षय पोर्टल से ऑनलाईन होगा भुगतान
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विजयसिंह ने बताया कि नये टीबी रोगी खोजने वाली आशा सहयोगनियों सहित अन्य सभी कम्युनिटि वॉलिंटियर को निक्षय डीबीटी के माध्यम से 500 रूपये प्रत्येक रोगी प्रोत्साहन राशि का भुगतान कार्यालय द्वारा किया जाएगा। जिसके लिए संबंधित समूह द्वारा क्रमश: माइक्रोस्कॉपी, सीबीनॉट, एक्स रे या किसी भी अन्य जांच के आधार पर सक्षम स्तर से टीबी रोगी के रूप में नोटिफाई होने का रिकोर्ड अपने क्लेम के साथ प्रस्तुत करना होगा। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अगर आशाओं के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व अन्य कोई भी कम्युनिटि वॉलिंटियर टीबी रोगी के ट्रीटमेंट सर्पोटर के रूप में दवा खिलाने, फॉलो-अप कराने एवं अन्य सहायता प्रदान की जाती है तो संबंधित को अलग से एक से पांच हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि भी निक्षय डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी।
ट्रीटमेंट सर्पोटर के रूप में 1 से 5 हजार रूपये तक की मिलती है प्रोत्साहन राशि
जिला आशा समन्वयक संजीव महला ने बताया कि एनटीईपी कार्यक्रम के अंतर्गत आशा सहयोगनियों द्वारा क्षय रोगियों के लिए ट्रीटमेंट सर्पोटर के रूप में दवा खिलाने, फॉलो-अप कराने एवं अन्य सहायता प्रदान करने पर एक से पांच हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि पहले से ही आशा सॉफ्ट के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाती है। जिसमें सामान्य टीबी रोगियों के लिए एक हजार तथा एमडीआर टीबी रोगियों को दवा खिलाने में मदद करने पर पांच हजार रूपये तक आशाओं को भुगतान किया जाने का प्रावधान है।
टीबी रोगी खोजने में उत्कृष्ट कार्य करने वाली तीन आशा होगी जिला स्तर पर सम्मानित
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला पीपीएम समन्वयक मोहन चाहर ने बताया कि मिशन निदेशक (एनएचएम) के निर्देशानुसार अंतराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2022 को माह जनवरी से फरवरी के दौरान टीबी के संभावित सर्वाधिक केस रैफर करने वाली तीन आशाओं को जिला स्तर पर सम्मानित किया जाना है, जिसके लिए जिलेभर की आशाओं का कार्य मूल्यांकन के साथ तीन आशा सहयोगिनियों के नाम मय संपूर्ण सूचना 01 मार्च 2022 तक राज्य स्तर पर भेजी जाएंगी।