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शिक्षक दिवस पर सेवानिवृत शिक्षकों का किया सम्मान

न्यू राजस्थान बालिका पी.जी. महाविद्यालय में

झुन्झुनूं , स्थानीय गणपति नगर स्थित न्यू राजस्थान बालिका पी.जी. महाविद्यालय में शिक्षक दिवस के अवसर पर मण्डावा विधानसभा क्षेत्र के सेवानिवृत शिक्षकों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती व सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुमन रायला जिला प्रमुख झुन्झुनूं थी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सुशीला सीगड़ा, गिरधारीलाल खीचड़, राजेन्द्र भाम्बू, जाकिर झुन्झुनूंवाला, हाफिज खां, लियाकत अली, बलबीर सिंह सहारण, अमर सिंह पचार, जिला शिक्षा अधिकारी झुन्झुनूं, जयलाल सिंह पूर्व प्राचार्य, रेखाराम खीचड़, राधेश्याम सैनी, राजेन्द्र ठेकेदार, दुर्गाराम मोगा, प्रमोद जानू आदि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला परिषद सदस्य इंजी. प्यारेलाल ढूकिया ने की। दयानंद ढूकिया, लालचन्द ढूकिया, रणजीत ढूकिया, विनोद ढूकिया, इंजी. पीयूष ढूकिया ने अतिथियों का माल्यार्पण व शॉल ओढाकर स्वागत किया। इस अवसर पर मनोहरलाल शर्मा, किरोड़ी लाल मिश्रा, खींवाराम जांगिड़, घड़सीराम राहड़, बीरबलसिंह पूनियां, बाबूलाल चौपदार, बालाराम रांगेरिया, हरिसिंह गेट, रामकुमार ढाका, फूलचन्द दूलड़, नूनसिंह, रामकुमार सिंह मीणा, नन्दकुमार धतरवाल, सोहन सिंह साहरण, श्रीचन्द खीचड़, द्रोणाचार्य कुल्हरी, विद्याधर सिंह तेतरवाल, अम्मीलाल मोगा, भानसिंह बसेरा, संतोष, हसन अली, कमल सिंह, महफूज अली, शिवचन्द सिंह दनेवा, मनीराम बजाड़ निर्मला कुल्हरी, विद्याधर सिंह बुडानिया, ईश्वरलाल जांगिड़, भगवान सिंह पूनियां सहित चार सौ पांच सेवानिवृत शिक्षकों को माला पहनाकर, शॉल ओढाकर, वॉलेट भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर जिला प्रमुख सुमन रायला ने जीवन में गुरू के विशेष महत्व को बताया व महिला शिक्षा में झुन्झुनूं जिले के स्थान की सराहना की। सुशीला सीगड़ा ने सेवानिवृत शिक्षकों से आह्वान किया कि वे समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने का प्रयास करें। गिरधारीलाल खीचड़ ने समाज को शिक्षित करने वालें गुरूजनों के प्रति आभार व्यक्त किया व सेवानिवृत शिक्षकों के सम्मान को अनूठी पहल बताया। जाकिर झुन्झुनूंवाला ने सेवानिवृत शिक्षकों का नि:स्वार्थ भाव से सम्मान करने के लिए ढूकिया परिवार की सराहना की। उन्होनें बताया कि जीवन पथ पर आगे बढऩे के लिए गुरूजन का योगदान महत्वपूर्ण है। लियाकत अली ने ‘बात लबों तक आते-आते यारों कई जमाने लगे’ गजल के माध्यम से विचार व्यक्त किये। बलबीर सिंह सहारण ने नि:स्वार्थ भाव से शिक्षकों का सम्मान करना गौरव की बात बताया। राजेन्द्र भाम्बू ने देश को संस्कारवान बनाये रखने के लिए गुरू के योगदान को महत्वपूर्ण बतया। इस अवसर पर डॉ. शिखा सहाया, डॉ. सुमन जानू, छात्राएं एवं समस्त स्टाफ सदस्य मौजूद थे। मंच का संचालन सुधीर शर्मा व सुमन चौधरी ने किया।

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