सिद्ध पीठ एवं तपोस्थली श्री बुधगिरि जी की मढ़ी पर आयोजित
फतेहपुर(बाबूलाल सैनी) प्रसिद्ध सिद्ध पीठ एवं तपोस्थली श्री बुधगिरि जी की मढ़ी पर आयोजित हो रहे श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के अंतिम दिन आज गो सहस्त्रार्चन गो पूजन के साथ ही व्यासपीठ से पूज्य महंत दिनेश गिरी महाराज ने बड़ी ही सुंदर कथा का वर्णन किया । महाराज ने अपनी मधुर वाणी में आज की कथा में नारद जी ने द्वारिका नगरी का भ्रमण किया तो यह देखा कि भगवान श्रीकृष्ण 16108 रानियों के साथ किस प्रकार निवास कर रहे हैं । वे जिस घर में भी जाते तो वही भगवान के दर्शन हो जाते । आज भगवान श्री कृष्ण ने भीम के द्वारा जरासंध वध करवाया। फिर श्री कृष्ण- सुदामा की मित्रता का उदाहरण देते हुए प्रत्येक मनुष्य के जीवन में मित्रता की अहम भूमिका को समझाया। पत्नी के कहने पर जब सुदामा पोटली में चावल लेकर द्वारिकापुरी गए तब द्वारपालों ने भी यह सोचकर रोक दिया कि इतना गरीब ब्राह्मण भी भगवान की मित्र कैसे हो सकता है लेकिन भगवान को पता चलने पर स्वयं उनको अंदर लेकर गए और अपने आंसुओं से उनके पांव धोए और मुख से उनके पैरों के कांटे भी निकले और उनका स्वागत किया। सुदामा के मस्तक पर विधाता ने क्षय लिख रखा था उसे बदलकर श्री लिख दिया और दो लोकों का सुख प्रदान किया। कथा में अंत में महाराज श्री ने अपने प्रवचन में कहा कि कलयुग में अपने कर्मों के द्वारा एवं शास्त्रों के अध्ययन से भगवान की प्राप्ति संभव है । समापन के दौरान महाराज श्री ने भावुक होकर कहा कि जिस घर में अपनी माता की पूजा होती है वहां देवताओं का निवास होता है। इस अवसर पर उनकी माता भी उपस्थित थे। इस दिव्य तथा भव्य आयोजन की सफलता का पूरा श्रेय मढ़ी के सभी कार्यकर्ताओं को दिया गया। स्वच्छता में लगे सभी कार्यकर्ताओं को विशेष धन्यवाद दिया। पूज्य संत रघुनाथ भारती महाराज सिणधरी बाड़मेर में प्रताप पुरी महाराज पोकरण का महाराज श्री ने सम्मान किया । इस अवसर पर दयाल गिरी महाराज सेखीसर ,मनोहर शरण महाराज पलसाना एवं श्यामानंद महाराज गढ़ गंगा (उत्तराखंड) व महावीर जत्ती गड़ोदा मठ का भी सानिध्य रहा। कथा पांडाल में व्यासपीठ से पूज्य महंत दिनेश गिरिजी महाराज ने वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई, कालूराम गुर्जर पूर्व मंत्री , झुंझुनूं सांसद नरेंद्र खीचड़ को भी रुद्राक्ष माला ,श्री बुधगीरि महाराज का चित्र एवं दुपट्टा भेंट कर सम्मानित किया। रतन लाल बसोतिया नवलगढ़, कमल बिंयाला, रामस्वरूप क्याल, भंवर सिंह पीठाधीश्वर पाबू धाम बागरोदा ,बाबूलाल रमेश कुमार सोनी ,अशोक बोचीवाल ,थावरमल विनोद कुमार चोटिया , गोवर्धन ठेकेदार, किशनलाल रिछपाल चोटिया , विकास कुमार विनोद कुमार सोनी , कमल जैन एवं सभी संगीतकारों आदि को भी सम्मानित किया।