झुंझुनूताजा खबर

शूरा निपजे झुंझुनू लिया कफन के साथ…..

परमवीर चक्र विजेता हवलदार मेजर पीरु सिंह की पुण्यतिथि श्रद्धांजलि समारोह आयोजित

झुंझुनू, शूरा निपजे झुंझुनू लिया कफन के साथ….. झुंझुनू की धरती को शूर वीरों की धरती यूं ही नहीं कहा जाता इसके बारे में एक कहावत प्रचलित है की झुंझुनू की धरती तो शूर वीरों को ही जन्म देती है वह भी कफन के साथ। भारतीय सेनाओं की वीर गाथा की जब बात की जाती है तो सबसे पहले जिस जिले का नाम आता है वह है झुंझुनू। आज 18 जुलाई झुंझुनू की वीर प्रसूता भूमि के लाल परमवीर चक्र विजेता हवलदार मेजर पीरु सिंह की पुण्यतिथि है। हवलदार मेजर पीरू सिंह राजस्थान के पहले शूरवीर थे जिन्हें भारत के सर्वोच्च शौर्य सैन्य अलंकरण से नवाजा गया था। परमवीर चक्र शत्रु की उपस्थिति में उच्च कोटि की शूर वीरता व त्याग के लिए प्रदान किया जाता है। अधिकांश मामलों में यह मरणोपरांत की दिया गया है। आज झुंझुनू शहर के शहीद परमवीर चक्र विजेता पीरू सिंह सर्किल पर स्थित स्मारक पर मां भारती के इस लाल हवलदार मेजर पीरू सिंह की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक समारोह लॉयन्स क्लब झुंझुनू के तत्वावधान में आयोजित किया गया। जिसमें जिला कलेक्टर यूडी खान, जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश प्रसाद शर्मा, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी परवेज हुसैन के साथ क्षेत्र के अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे। शहीद हवलदार मेजर पीरू सिंह की प्रतिमा पर सभी ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वहां पर उपस्थित हर कोई अधिकारी या आमजन परमवीर चक्र विजेता पीरु सिंह की जय गाथा की चर्चा करने में मशगूल था और हो भी क्यों नहीं हवलदार मेजर पीरू सिंह ही वह शख्स है जो 1947 में हुए भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान की सेनाओं के दांत रणभूमि में खट्टे कर दिए थे। ऐसी महान विभूति का जन्म झुंझुनू जिले के बेरी गांव में 20 मई 1918 को हुआ राजपूताना राइफल्स के इस शेर ने 18 जुलाई 1948 को कश्मीर में दुश्मन की सेना को नाकों चने चबाते हुए माँ भारती की गोदी में अंतिम साँस ली। हवलदार मेजर पीरू सिंह ही वह शख्स थे जिनके बाद से झुंझुनू के युवाओं में सेना में जाने की बात जुनून बन गई। परमवीर चक्र विजेता ने झुंझुनू जिले के युवकों को पीवीसी का ऐसा मजबूत जोड़ भारतीय सेना के साथ लगा दिया जिसकी यशोगाथा युगो युगो तक याद की जाती रहेगी। आज अमर शहीद पीरू सिंह की 72 वी पुण्यतिथि पर हुए कार्यक्रम में जिला कलेक्टर उमरदीन खान ने कहा की ऐसे शहीदों की बदौलत ही आज हमारा देश सुरक्षित है और हमारी सीमाएं सुरक्षित है हम लोग अपने घरों में चैन से रह पा रहे हैं हमे इन से प्रेरणा लेनी चाहिए कि आने वाले समय में हम भी इनकी तरह है देश का नाम रोशन करें। पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र शर्मा ने कहा यहां के युवाओं में इनकी प्रेरणा इतनी कूट-कूट कर भरी है कि आज हर समय यहां के युवाओं में सेना में जाने का जज्बा रहता है और इसी का नतीजा है आज चाहे वह थल सेना हो वायुसेना हो या नेवी हो यहां के युवा बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और देश सेवा में लगे हुए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता यशवर्धन सिंह कहा यह हमारे प्रेरणा स्रोत है हमे इनसे प्रेरणा लेकर देश की तरक्की में आगे बढ़ना चाहिए जिस तरह इन्होंने छोटी सी उम्र में जिले का नाम रोशन किया वह कबील ए तारीफ है।

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