झुंझुनूताजा खबर

सियासी घमासान में शेखावाटी के नेताओं की बल्ले-बल्ले

प्रदेश स्तर पर बोलेगी शेखावाटी राजनेताओं की तूती

झुंझुनू, वर्तमान समय में प्रदेश की सियासत में जबरदस्त घमासान मचा हुआ है सरकार को लेकर पिछले तीन-चार दिनों से राजनीतिक ड्रामा अपने पूरे परवान पर है। अभी तक की स्थिति में लग रहा है की राजनीति के जादूगर अशोक गहलोत पायलट के महत्वाकांक्षा के प्लेन को क्रैश करने में सफल साबित हुए हैं । इसी की परिणति है कि उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है और त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का ताज पहना दिया गया है। गोविंद सिंह डोटासरा शेखावाटी के पांचवे ऐसे राजनेता हैं जिनकी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी हुई है । इससे पहले चौधरी नारायण सिंह, रामनारायण चौधरी, चंद्रभान, सरदार हरलाल सिंह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शेखावाटी क्षेत्र से बनाए जा चुके हैं। वही इस सियासी घमासान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद शेखावाटी क्षेत्र में आ गया है ।वही सत्ता के समीकरण पर नजर डालें तो आने वाले समय में शेखावाटी क्षेत्र के विधायकों को सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है । सरकार में जातिगत समीकरणों को संतुलित करने के लिए पूर्व मंत्री खेतडी विधायक डॉ जितेंद्र सिंह को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने वाली की अटकलें भी तेज चल रही हैं । इसी के साथ उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजेंद्र सिंह गुढा वर्तमान में चल रहे सियासी घमासान में मजबूत होकर उभरे हैं । इन्होंने अशोक गहलोत खेमे की जमकर लोबिंग की है । अभी भी अन्य विधायकों को गहलोत के खेमे में लाने के लिए लगे हुए हैं। ऐसी स्थिति में राजेंद्र सिंह गुढा को प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय माना जा रहा है। वही डॉक्टर राजकुमार शर्मा को भी किसी बोर्ड वगैरह की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है । इसी के साथ ही झुंझुनू की राजनीति पर एकछत्र राज करने वाले ओला परिवार की धुर विरोधी मण्डावा विधायक रीटा चौधरी भी इस स्थिति में अशोक गहलोत के साथ मजबूती से खड़ी हुई हैं । पार्टी में बृजेंद्र ओला के पायलट खेमे में जाने से कांग्रेस में रीटा चौधरी का कद और बढ़ेगा। वही चूरू जिले से विधायक नरेंद्र बुढानिया का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चला था ऐसी स्थिति में उनका भी मंत्री बनना तय माना जा रहा है । वही बात सीकर जिले की करें तो गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है । ऐसी स्थिति में परसराम मोरदिया, राजेंद्र पारीक, निर्दलीय महादेव सिंह खंडेला को भी मंत्री पद से नवाजा जाना भी तय माना जा रहा है । सभी राजनीतिक विश्लेषण पर गौर करें तो प्रदेश में मचे हुए इस सियासी घमासान में शेखावाटी क्षेत्र के राजनेताओं की बल्ले बल्ले हो गई है । प्रदेश में उनका कद भी बढा है साथ ही उनको प्रदेश सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिलना भी अब लगभग तय हो चला है ।

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