चुरूताजा खबर

सौर ऊर्जा संयंत्र अनुदान के लिए 27 जुलाई तक दें कोटेशन

प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान परियोजना

चूरू, प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान परियोजना (पीएम-कुसुम) के अंतर्गत किसानों को सौर ऊर्जा संयंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराए जाने के लिए कोटेशन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 27 जुलाई 2020 निर्धारित की गई है। सहायक निदेशक (उद्यान) मदन लाल ने बताया कि चूरू जिले के सौर ऊर्जा पंप परियोजना के लिए आवेदन करने वाले किसानों को सूचित किया गया है कि प्राप्त लक्ष्यों के अनुसार 31 मई 2018 तक आवेदन करने वाले सामान्य श्रेणी के किसान तथा 19 फरवरी तक आवेदन करने वाले एससी-एसटी के किसान 27 जुलाई तक अनुमोदित कंपनी का कोटेशन सहायक निदेशक (उद्यान) कार्यालय, चूरू में प्रस्तुत करें ताकि प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा सके। निर्धारित दिनांक तक दस्तावेज नहीं कराए जाने की स्थिति में योजना का लाभ लेने का इच्छुक नहीं मानते हुए कृषक पत्रावली की वरीयता समाप्त करते हुए आगामी किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग चूरू द्वारा जिले में नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) परियोजना 2019-20 के अन्तर्गत कृषकों को हाईटेक उद्यानिकी/ कृषि कार्यों के लिए सिंचाई हेतु 3.0, 5.0, 7.5, 10 एचपी क्षमता के सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराये जायेंगे। यह परियोजना जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन तथा राज्य योजना के तहत क्रियान्वित की जाएगी। जिन कृषकों के पास सिंचाई हेतु कृषि विद्युत कनेक्शन नहीं है एवं सिंचाई के लिए डीजल चलित संयंत्र अथवा अन्य वैकल्पिक साधन पर निर्भर हैं, उन्हें सिंचाई हेतु सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र अनुदान पर उपलब्ध करवाये जायेंगे। इसके अतिरिक्त जल संग्रहण ढांचा, डिग्गी, फार्म पोण्ड एवं जल हौज से सिंचाई करने हेतु भी सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र अनुदान पर उपलब्ध करवाये जायेंगे। सौर ऊर्जा पम्प परियोजना अन्तर्गत सौर पम्प स्थापना पर कुल लागत का अधिकतम 60 प्रतिशत अनुदान देय होगा। योजना दिशा – निर्देशानुसार भारत सरकार द्वारा सौर ऊर्जा पम्प स्थापना पर कुल लागत का 30 प्रतिशत अंशदान एवं राज्य सरकार द्वारा 30 प्रतिशत अनुदान तथा कुल लागत का शेष 40 प्रतिशत राशि कृषक द्वारा स्वयं वहन की जावेगी। कृषक द्वारा वहन की जाने वाली लागत की 40 प्रतिशत राशि में से 30 प्रतिशत तक की राशि का कृषक बैंक ऋण भी प्राप्त कर सकता है।

Related Articles

Back to top button