आरती, जिसकी मधुर ध्वनि सुनकर और जिसे गाकर भक्त स्वयं को धन्य समझते हैं, भारतीय सनातन परंपरा में देवी-देवताओं की उपासना की एक पवित्र विधि है। यह भक्ति और समर्पण का वह सुगंधित दीपक है, जिसकी लौ से प्रकाशित होकर ईश्वर की कृपा भक्तों पर बरसती है।
आरती की पवित्र विधि
आरती के दौरान भक्तजन भक्ति-भाव से युक्त मंत्रों का गान करते हुए दीप, धूप, फूल और अन्य पूजन सामग्री को देवमूर्ति के समक्ष घुमाते हैं। मंदिरों में प्रातःकाल एवं सायंकाल, दोनों समय देव आराधना के पश्चात आरती का विधान है। मान्यता है कि आरती में सम्मिलित होने वाला प्रत्येक भक्त ईश्वर की अनुकंपा का पात्र बनता है।