लेकिन मेरी मां पैरों तले रौंदी जा रही थी, बेटी लापता हो गई
खाटूश्यामजी, [प्रदीप सैनी ] सीकर के खाटूश्यामजी मंदिर में मची भगदड़ में तीन महिलाओं की मौत हुई है। उनमें से एक महिला की पहचान की जा सकी है। हिंसार में रहने वाली 63 साल की शांति देवी की इस हादसे में पहचान की गई है। शांति देवी की बेटी ने जब इस हादसे की भयावहता के बारे में बताया तो पुलिस अफसर और प्रशासनिक अमला भी हैरान रह गया। बेटी बोली काश अब यहां नहीं आते तो आज मेरी मां जिंदा होती….। शांति देवी हरियाणा राज्य के हिसार की रहने वाली है।
बेटी बोली मैं रोती रही , लोग मां को रौंदते रहे… मैने उनको आगे क्यों जाने दिया…?
मृतका शांति देवी की बेटी से जब बात की गई तो उनका कहना था कि मां, मैं और मेरे बच्चे सब साथ थे। परिवार के अन्य लोग भी हमारे साथ थे। हम लाइन में लगकर दर्शन का इंतजार कर रहे थे। देर रात हरियाणा से यहां आए थे। खाटू श्याम जी सबसे मनोकामना पूर्ण करते हैं, ऐसा सुना था। लेकिन उन्होनें मेरी मां को हमसे छीन लिया। बेटी बोली मां मेरे साथ ही थी। आगे चल रही थी। भीड़ ज्यादा थी, धीरे धीरे आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान किसी ने बताया कि कपाट खुल गए हैं तो भगदड़ मच गई। मां के उपर महिलाएं गिरती रहीं, वे चीखती रहीं, मुझे आवाज लगाती रही।
बचाने के लिए रोती रहीं। मैं रोती रहीं… गिड़गिड़ाती रही…. मदद के लिए पुकारती रही। इस बीच बेटी ने कहा कि मां कि छोटी बहन नहीं दिख रही। मैं जोर जोर से रोने लगी। कुछ देर में जब भीड़ काबू हुई तो पता चला कि मां की जान जा चुकी है। बेटी को तलाश किया तो वह एक कोने में रोती मिली। बेटी बोली हम काफी देर तक मदद के लिए चीखते रहे, लेकिन मां को जब तब बचाने आए तब तक मां दम तोड़ चुकी थी। अब मां का पोस्टमार्टम होने के बाद शव लेकर हिंसार जाएंगे।