शरीर बाहर निकलने की बीमारी से ग्रसित थी महिला
सीकर, जिले में चिकित्सा संस्थानों पर आमजन को गुणवत्तापूर्ण व बेहतर चिकित्सा सेवाएं व सुविधाएं मुहैया हो रही है। जिले के रींगस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक महिला को वॉल्ट प्रोलेप्स रोग से मुक्ति मिली है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह, बीसीएमओ खण्डेला डॉ नरेश पारीक के निर्देशन में सरकारी अस्पताल रींगस में 50 वर्षीय महिला को खुशहाल जीवन देने में चिकित्सकों ने सफलता हासिल की है।अस्पताल के प्रभारी डॉ विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि चौमू निवासी 50 वर्षीय महिला फूली देवी कई वर्षों से शरीर बाहर निकलने ( वॉल्ट प्रोलेप्स ) की बीमारी से ग्रसित थी, जो अस्पताल में सर्जन डॉ जितेंद्र यादव के पास परामर्श लेने के लिए आई। महिला के परिजन कई बड़े शहरों में इलाज करवा चुके थे। पीडित महिला का 10 साल पहले एसएमएस अस्पताल जयपुर में आंतों का ऑपरेशन हो चुका था तथा 15 साल पहले बच्चेदानी का भी ऑपरेशन हो था। अतः ऑपरेशन के दौरान रिस्क ज्यादा था तथा डॉक्टर्स के लिए दोबारा पेट से ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण कार्य था।
श्रीमाधोपुर बीसीएमओ डॉ राजेश मँगवा के आश्वासन पर मरीज के परिजन सीएचसी रींगस पर ऑपरेशन करवाने को तैयार हुए तथा डॉ जितेंद्र यादव और एनेस्थेटिक डॉ ओमप्रकाश सामोता ने इस चुनौती को स्वीकार किया और लगभग ढाई घंटे के इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा कर महिला को वॉल्ट प्रोलेप्स से निजात दिलाई। गुरूवार को महिला को अस्पताल से छुटटी दे दी गई है। लेप्रोटोमी तथा वॉल्ट प्रोलैप्स का यह सीएचसी स्तर पर राज्य में संभवतः पहला ऑपरेशन है। ऑपरेशन के दौरान महिला के यूटरस वॉल्ट को मेश की सहायता से फिक्स किया गया तथा महिला को असहनीय पीड़ा से मुक्ति मिली। ऑपरेशन में सर्जन डॉ जितेंद्र यादव, एनेस्थेटिक डॉ ओमप्रकाश सामोता, स्टाफ़ अशोक शर्मा, रोहित चौधरी शामिल थे।