झुंझुनू, सेठ पिरामल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बगड़ में “1st इनक्लूसिव एनुअल एथलीट मीट – UDAAN”का आयोजन किया गया। इस आयोजन ने न केवल खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाई बल्कि समावेशिता का एक नया अध्याय भी लिखा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप मेंद्रोणाचार्य अवार्डी महावीर सैनी,जो पेरिस ओलंपिक में भारतीय पैरा टीम के कोच रह चुके हैं, इन्होने ने समावेशी मशाल जलाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया । उन्होंने समावेशी खेलों की इस पहल की प्रशंसा भी की।
समापन समारोह में विशिष्ट अतिथियों में डॉ. अक्षांश गुप्ता (वैज्ञानिक, CSIR-CEERI पिलानी), डॉ. भाऊसाहेब अशोक बोटरे (एसोसिएट प्रोफेसर, AcSIR), उमेश रणसारिया (असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर, नगर पालिका झुंझुनूं) और पंकज झाझडिया (उपाध्यक्ष, राजस्थानबधिर खेलपरिषद) ने भाग लिया। अतिथियों ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, “शारीरिक अक्षमताओं को कमजोरी नहीं, बल्कि अपनी ताकत बनाएं। जो आपको ‘बेचारा’ समझते हैं, उन्हें अपने कार्यों से चुनौती दें।” यह कार्यक्रम इस विद्यालय के लिए विशेष इसलिए भी था क्योंकि पिछले 5 वर्षों में इस स्कूल में किसी भी प्रकार का खेलकूद आयोजन नहीं हुआ था। बच्चों और अभिभावकों ने इसे सराहनीय कदम बताया। इस आयोजन के प्रमुख आयोजक गांधी फेलो सौरभ सोनी ने बताया कि यह एक“समावेशी खेल कूद का आयोजन”था, जिसमें 9 प्रकार के समावेशी खेलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इसमें सारेट्रैक और थ्रो गेम्स, फुटबॉल टूर्नामेंट, डांस, ड्रिल और मार्च पास्ट (परेड) सभी समावेशी था।
गांधी फेलो सौरभ सोनी ने बताया, “हम समावेशिता की बातें करते हैं, लेकिन खेलों में यह अवधारणा अब भी अधूरी है”। मौजूदा खेल आयोजन केवल स्पेशल ओलंपिक, पैरालंपिक, स्पोर्ट्स फॉर डेफ,और स्कूल गेम्स जैसे प्रारूपों तक सीमित हैं। इसे बदलने के लिए मैंने गांधी फेलोशिप के दौरान अपनेपर्सनल ड्रीम प्रोजेक्ट (PDP)में ‘UDAAN – अब हम भी साथ उड़ेंगे’ नामक समावेशी खेलों का डिज़ाइनखेल शिक्षक माया भाम्बू, स्कूल की प्रिंसिपल सफिया शेख, PL हितेश स्वामी और गोल्डी नेगी के मार्गदर्शन से तैयार किया और इसे सफलतापूर्वक परिक्षण किया। इस 1st इनक्लूसिव एनुअल एथलीट मीट UDAAN काआयोजन को सफल बनाने में स्कूल ऑफ इनक्लूजन (SOI)की पूरी टीम का अहम योगदान रहा।