चूरू, राज्य सरकार की खास पहल पर आयोजित हो रहे महंगाई राहत कैंप व प्रशासन गांवों के संग अभियान शिविर आमजन के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। लोगों के बरसों से अटके काम किए जाकर उन्हें राहत दी जा रही है। रतनगढ़ ब्लॉक के लोहा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर शनिवार को हुआ शिविर भी वहां के स्वरूप राम के लिए वरदान साबित हआ। लोहा गांव के स्वरूपराम उर्फ सुरेंद्र पुत्र भागीरथ राम ढोली ने कैंप में उपस्थित होकर बताया कि जब वह पांच वर्ष का था, तभी उसके पिताजी का देहांत हो गया था। ग्रामीणों एवं परिजनों के बताए अनुसार जमाबंदी में उसका नाम सुरेंद्र व बहत का नाम मंजु दर्ज हो गया जबकि उसका सही नाम स्वरूपराम व बहन का सही नाम अम्मा है। स्वरूप ने बताया, ‘‘मैं जब समझदार हुआ यानी मेरी उम्र 18 हुई, तब से मैं कोर्ट-कचहरी में मेरा व मेरी बहन का सही नाम करवाने के लिए लगातार 10 से अधिक वषोर्ं से चक्कर काट रहा हूँ। मेरे ग्राम में पहले भी कैंप का आयोजन हुआ. परंतु मेरा सही नाम नहीं हुआ। कभी किसी कागजात के अभाव में, कभी किसी गवाह के अभाव में मेरा काम टलता रहा। मैं हर बार निराश होकर लौट गया और मुझे लगने लगा कि मेरा नाम कभी भी सही नहीं हो पाएगा। गांव के दिग्विजय सिंह ने जब आज के कैंप के बारे में बताया तो फिर एक उम्मीद जगी लेकिन मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि वास्तव में मेरा और मेरी बहन का नाम सही हो जाएगा। मैं बिना किसी ज्यादा उम्मीद के, मेरे कागजात लेकर कैंप प्रभारी एसडीएम अभिलाषा के पास पहुंचा। उन्होंने मेरी सारी बातें ध्यान से सुनी और तुरंत अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों को मेरा नाम दुरुस्त करने का आदेश दिया। आवश्यक कार्यवाही के बाद मेरा सही नाम का आदेश मेरे हाथ में दे दिया। मुझे इस बात का विश्वास ही नहीं हुआ तो मैंने गांव के दिग्विजय सिंह से दोबारा पूछा कि क्या वास्तव में मेरा काम हो गया। दिग्विजय सिंह ने बताया कि अब आपके हाथ में आदेश है। आपका व आपकी बहिन का नाम दुरुस्त हो गया है। हाथोंहाथ मुझे जमाबंदी की नकल भी मिल गई, तब जाकर मुझे विश्वास हुआ। आज राजस्थान सरकार, शिविर प्रभारी और अधिकारियों को धन्यवाद देने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है। इस कैंप में बहुत अच्छा काम हो रहा है। ऎसे कैंप बार-बार लगने चाहिए।”