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मातमी धुनों के साथ निकाले ताजिए फिर किया सुपुर्द-ए-खाक

इमाम हुसैन की शहादत की याद में निकाले ताजिए

कोरोना के 2 साल बाद ताजियों को लेकर लोगों में दिखा काफी उत्साह

ताजियों के जुलूस में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं एवं युवतियां भी हुई शामिल

एसएचओ मदन कड़वासरा के नेतृत्व में भारी पुलिस जाब्ता रहा तैनात

दांतारामगढ़, [प्रदीप सैनी ] दांता व रामगढ़ कस्बे सहित कई स्थानों पर पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के प्यारे नवासे इमाम हुसैन की शहादत की याद में मातमी धुनों के साथ ताजिए निकाले गए और शाम को उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। दांतारामगढ़ क्षेत्र में विभिन्न कस्बों में मुहर्रम के मौके पर मातमी धुनों के साथ ढोल की तेज थाप के साथ ताजिए निकाले गए जिसमें कई हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए अपने निश्चित मार्ग से होते हुए ताजिए निकाले गए फिर इन ताजियों को शाम के समय सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया जिसमें काफी मुस्लिम भाइयों ने उपस्थित रहकर इस रस्म को अदा किया। दांता कस्बे में छोटी व बड़ी मस्जिदों से ताजिए निकाले गए जो कि चौपड़ बाजार होते हुए बड़ी मस्जिद की ओर लाए गए जहां चौपड़ बाजार में जाकर इनका मिलान किया गया। ताजिए निकालते समय मातमी धुनों के साथ ढ़ोल नगाड़ों की आवाज इतनी तेज थी कि कई ढ़ोल तो आवाज करते हुए बिखर गए लेकिन बजाने वालों के हाथ रुकने का नाम नहीं ले रहे थे और करतब दिखाने वाले भी एक से बढ़कर एक थे। ताजियों को शाम को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। सुरक्षा को देखते हुए एसएचओ मदनलाल कड़वासरा के नेतृत्व में दांतारामगढ़ पुलिस थाने का जाब्ता एवं आरएसी का जाब्ता तैनात किया गया। इस मौके पर दांता नगरपालिका उप चेयरमैन कैलाश चंद कुमावत सहित काफी संख्या में हिंदू समाज के लोग भी मौजूद रहे।

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