सूरजगढ़, वीर तेजाजी विकास संस्थान के अध्यक्ष जगदेव सिंह खरड़िया की अध्यक्षता में चोटिया कॉम्प्लेक्स सूरजगढ़ में किसानों के मसीहा, सादगी की प्रतिमूर्ति गांधीवादी राजनेता पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर चौधरी चरण सिंह के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी, वीर तेजाजी विकास संस्थान के अध्यक्ष जगदेव सिंह खरड़िया, शिक्षाविद् राजपाल सिंह फोगाट, योगाचार्य डॉ. प्रीतम सिंह खुगांई आदि ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा- चौधरी चरण सिंह राजनीति में स्वच्छ छवि रखने वाले इंसान थे। वह अपने समकालीन लोगों के समान गांधीवादी विचारधारा में यक़ीन रखते थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद गांधी टोपी को कई बड़े नेताओं ने त्याग दिया था लेकिन चौधरी चरण सिंह ने इसे जीवन पर्यन्त धारण किये रखा। उत्तर प्रदेश में पंडित गोविंद बल्लभ पंत, डॉ. संपूर्णानंद, चंद्रभानु गुप्ता और सुचेता कृपलानी की सरकार में काफी लंबे समय तक चौधरी चरण सिंह कैबिनेट मंत्री रहे। इसके बाद वे दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 1977 में देश के गृहमंत्री बने। 28 जुलाई 1979 को वे देश के पांचवें प्रधानमंत्री बने। चौधरी चरण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में सादगी से जिया। चौधरी चरण सिंह कहा करते थे कि देश की समृद्धि का रास्ता गांवों के खेतों और खलिहानों से होकर गुजरता है। उनका कहना था कि भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं है। जिस देश के लोग भ्रष्ट होंगे वो देश कभी तरक्की नहीं कर सकता। इसीलिए देश के लोगो का आज भी मानना है कि चौधरी चरण सिंह एक व्यक्ति नहीं विचारधारा थे। चौधरी चरण सिंह ने हमेशा यह साबित करने की कोशिश की कि किसानों को खुशहाल किए बिना देश का विकास नहीं हो सकता। उनकी नीति किसानों व गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की थी। उन्होंने किसानों की खुशहाली के लिए खेती पर बल दिया था। किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिल सके, इसके लिए भी वो बहुत गंभीर रहते थे। जगदेव सिंह खरड़िया ने बताया कि वे अर्थशास्त्र के इतने बड़े विद्वान थे कि उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक भारत की भयावह आर्थिक स्थिति आज भी अमेरिका के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती है। उनका कहना था कि भारत का संपूर्ण विकास तभी होगा जब किसान, मजदूर, गरीब सभी खुशहाल होंगे। चौधरी चरण सिंह की गिनती हमेशा एक ईमानदार राजनेता के तौर पर की जाती है। उन्होंने जीवन पर्यन्त किसानों की सेवा को ही अपना धर्म माना और अपने अंतिम समय तक देश के गांव में रहने वाले किसानों, गरीबों, दलितो, पीड़ितों की सेवा में ही पूरी जिंदगी गुजारी। चौधरी चरण सिंह जाति प्रथा के कट्टर खिलाफ थे। ऐसे महान राजनेता को हम नमन करते हैं। इस अवसर पर शिवदान सिंह भालोठिया, डॉ. प्रीतम सिंह, धर्मपाल गाँधी, शिक्षाविद् मोतीलाल डिग्रवाल, जगदेव सिंह खरड़िया, राधेश्याम चिरानियां, सज्जन कटारिया, ओमप्रकाश सेवदा, योगेश सोनी, विश्वनाथ पुजारी, रामस्वरूप नेता, पप्पू विजय चौधरी, श्रीराम ठोलिया, सूबेदार शीशराम सामरिया, राजेन्द्र फौजी, प्रवीण कालीरावणा, करणसिंह दिवाच, रोहतास बलवंदा, रोहिताश मेच्यू आदि अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन वीर तेजाजी विकास संस्थान के सचिव शिवदानसिंह भालोठिया ने किया।