दुर्घटना से पीड़ितों को भी गैस कम्पनी क्लेम देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य होती हैं
झुंझुनूं, उपभोक्ता आयोग के सदस्य मनोज मील द्वारा 3 मई 2022 से आमजन उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए शुरू किए गये उपभोक्ता की आवाज Consumer’s Voice अभियान के तहत आगामी 7 दिन उपभोक्ता दिवस (24 दिसम्बर 2022) तक मीडिया के माध्यम से आमजन व उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी जायेगी।
मील ने बताया कि भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग ने देश भर में होने वाले राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय उपभोक्ता दिवस कार्यक्रमों के लिए इस वर्ष की थीम
Effective disposal of cases in consumer commissions.
“उपभोक्ता आयोगों में मामलों का प्रभावी निस्तारण”
रखी है। जिसे सफल बनाने के लिए प्रत्येक दिन मीडिया के माध्यम से महत्वपूर्ण टॉपिक यथा गैस सिलेंडर से दुर्घटना होने पर पीड़ित को मिलने वाली राहत,
विधुत उपभोक्ताओं के अधिकार,
बैंक व बीमा कम्पनी से लिए गये सुरक्षा बीमा कवर को हासिल करने,
हाउसिंग बोर्ड योजना व फ्लैट आवासीय योजना में उपभोक्ता के अधिकार,
सड़क व टोल से सम्बंधित उपभोक्ता अधिकार,
व्यावसायिक प्रतिष्ठानों व कोचिंग संस्थानों,
ईमित्र सेवा प्रदाताओं
को चुकाये गये रूपयों की रसीद की आवश्यकता, किसानों के खेतीबाड़ी व पशुधन बीमा, बीज इत्यादि से जुड़े अधिकार,
चिकित्सा सेवा में लापरवाही पर उपभोक्ता के अधिकार व दायित्वों से आमजन को जागरूक करने के लिए कानूनी अधिकार व न्याय पाने के रास्ते तय करने वाले दायित्व की जानकारी दी जायेगी।
इसी कड़ी में उपभोक्ता आयोग के सदस्य मनोज मील ने गैस कनेक्शन लेने पर मिलने वाले अधिकारों से रूबरू करवाया और जोधपुर के शेरगढ़ इलाके के गांव भूंगरा में हुई गैस सिलेंडर दुर्घटना के पीड़ितों को न्याय मिलने का रास्ता भी बताया।
जानकारी में जिला प्रशासन को जागरूक होकर कर्तव्यों को निभाने की महत्ती आवश्यकता भी सामने आई है।
प्रश्न :- जोधपुर के शेरगढ़ इलाके के भूंगरा गांव में गैस सिलेंडर से दुर्घटना हुई है।
पीड़ितों को राहत कैसे मिल सकती है।
उत्तर :- जोधपुर के भूंगरा गाँव में हुई दुर्घटना बहुत ही हृदयविदारक है। परिवार के परिवार समाप्त हो गये है। गैस कम्पनी को अविलम्ब सुरक्षा मानकों का परीक्षण करवाना चाहिए और पीड़ितों को दुर्घटना बीमा के रूप में निर्धारित राशि 50 लाख का तुरंत भुगतान करना चाहिए।
भारत सरकार से अधिकृत एजेंसी से गैस कनेक्शन लेते ही कनेक्शन धारक स्वतः ही बीमित हो जाता है। यदि गैस सिलेंडर से दुर्घटना हो जाती है तो गैस कनेक्शन धारक स्थानीय वितरक के कार्यालय में क्लेम कर सकता है। क्लेम करने की अवधि 30 दिवस निर्धारित है और मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये का भुगतान करने का दायित्व गैस कम्पनी का होता है।
प्रश्न:- गैस कम्पनी से क्लेम कौन-कौन मांग सकता है।
उत्तर:- गैस कनेक्शन धारक अथवा उसके प्रतिनिधि के द्वारा क्लेम का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करना होता है। लेकिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में प्रावधान किया गया है कि बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं के हितों का मामला हो तो मान्यता प्राप्त स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन अथवा केन्द्रीय सरकार, प्राधिकरण और राज्य सरकार की ओर से प्रशासनिक प्रतिनिधि जिला प्रशासन के द्वारा भी क्लेम की मांग की जा सकती है। गैस कम्पनी क्लेम से इंकार करे तो उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर कर न्याय की मांग की जा सकती है।
प्रश्न:- भूंगरा गांव में हुई गैस सिलेंडर दुर्घटना के पीड़ितों के लिए त्वरित न्याय कैसे मिल सकती है।
उत्तर:- जिला कलक्टर को तुरन्त सीनियर आरएएस अधिकारी को केस ऑफिसर नियुक्त करना चाहिए। जो गैस कम्पनी के प्रतिनिधि व क्लेम निर्धारित करने वाली टीम के साथ सतत सम्पर्क करके दुर्घटना स्थल का परीक्षण करवाये और गैस कनेक्शन धारक अथवा प्रतिनिधि से गैस वितरण कम्पनी के स्थानीय वितरक के कार्यालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करवायें। ये कार्यवाही जिला प्रशासन को दुर्घटना की गम्भीरता को देखते हुए 24 घण्टे अथवा अविलम्ब समयावधि में ही कर लेनी चाहिए। कानूनी प्रावधानों की पालना करवाने से ही पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाया जा सकता है।