2 मार्च को कृषि मंडी में माकपा की जन अधिकार महारैली
फसल खराबे का मुआवजा महंगाई व बेरोजगारी प्रमुख मुद्दे
सीकर, [प्रदीप सैनी ] भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी जिला कमेटी सीकर की मीटिंग वरिष्ठ माकपा नेता बीएस मील की अध्यक्षता में पार्टी जिला कार्यालय किशन सिंह ढ़ाका स्मृति भवन में संपन्न हुई। बैठक में बोलते हुए माकपा राज्य सचिव कॉमरेड अमराराम ने कहा कि कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी की आर्थिक नीतियां एक समान है जिसके कारण देश का किसान मजदूर बदहाल है और चंद पूंजीपति घराने मालामाल हैं। किसानों के लिए बार-बार घड़ियाली आंसू बहाने वाले व किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने बजट पेश करते हुए अपना असली चेहरा दिखा दिया हैं। कॉमरेड अमराराम ने कहा कि किसानों के जिंदा रहने के लिए किसानों को फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी को कानूनी गारंटी देने का सवाल सबसे अहम मुद्दा है जिसके लिए 1 साल से भी लंबा ऐतिहासिक किसान आंदोलन करते हुए 700 से ज्यादा किसानों ने अपनी शहादत दी है लेकिन मोदी सरकार की जुबान उनके लिए नहीं खुली है। उल्टे कृषि क्षेत्र के लिए खाद, बीज, कृषि यंत्रों समेत अन्य चीजों पर बजट में हजारों करोड़ों की कटौती की गई है जिससे पहले से ही सरकार संकट के दौर से गुजर रही खेती किसानी का बुरा असर पड़ेगा। यूरिया, डीएपी, पोटाश और ज्यादा महंगे हो जाएंगे। कंपनियों को लूटने की खुली छूट मिल जाएगी। पाले से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई लेकिन उनके लिए मुआवजा देने की कोई घोषणा नहीं की गई हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि वह किसान मजदूरों के लिए अमृत काल नहीं मरण काल है इसलिए आम जनता को दोनों पार्टियों को हराना होगा। किसान सभा के राज्य अध्यक्ष व पूर्व विधायक पेमाराम ने कहा कि मनरेगा के बजट में पिछले साल के मुकाबले 33 प्रतिशत कटौती करते हुए केवल 60 हजार करोड रुपए ही रखे गए हैं। जाहिर है कि इससे ग्रामीण मजदूरों के रोजगार में भारी कमी आएगी और लगातार लंबी हो रही गरीबी रेखा और लंबी हो जाएगी। सरकार की अमीर प्रस्त नीतियों से देश की आम जनता की गाढ़ी कमाई धन्ना सेठ लूट रहे हैं। गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट जिसके चलते वह दुनिया के अमीरों में 15वें स्थान पर आ गया हैं। हमारे देश के विश्वसनीय सार्वजनिक सस्था भारतीय जीवन बीमा निगम और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को भारी नुकसान हुआ हैं। हमें मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ व्यापक आंदोलन करना पड़ेगा। माकपा जिला सचिव कामरेड किशन पारीक ने कहा कि सीपीआईएम ने पाले से फसलों के नुकसान का मुआवजा देने के लिए उपखंड अधिकारियों व जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है लेकिन सरकार ने अभी तक राहत की घोषणा नहीं की हैं। 10 दिन में किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ करने के वादे से बनी गहलोत सरकार 4 साल बाद भी अपना वादा पूरा नहीं कर सकी हैं। पूरे कार्यकाल में गहलोत व पायलट गुट की आपसी लड़ाई से प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति चौपट हो गई हैं। बेरोजगारी व महंगाई आसमान छू रही है और प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चे लीक होने के चलते बेरोजगार युवाओं में भारी आक्रोश हैं। इन सब मुद्दों को लेकर पार्टी ने पूरे जिले में राजनीतिक अभियान चलाकर 2 मार्च को सीकर कृषि मंडी में जन अधिकार महारैली करने का फैसला लिया हैं। बैठक में पार्टी की दांतारामगढ़ तहसील कमेटी के सचिव हरफूल सिंह, खंडेला के सुभाष नेहरा, सीकर के झाबर सिंह काजला, फतेहपुर के आबिद हुसैन, किसान सभा के जिला महामंत्री सागर खाचरिया, सीटू के महामंत्री बृजसुन्दर जांगिड़, महिला जनवादी समिति की नेता रेखा जांगिड़, खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश महामंत्री रामरतन बगड़िया, नौजवान सभा के प्रदेशाध्यक्ष सत्यजीत सिंह भींचर ने भी अपने विचार रखते हुए 2 मार्च को व्यापक जन लामबंद का आह्वान किया।