गर्भ में आनुवांशिक बीमारी और गर्भपात को लेकर सेमीनार आयोजित
झुंझुनूं. फीटल मेडिसिन के राजस्थान चैप्टर और एम्स जोधपुर द्वारा रविवार को जोधपुर एम्स सभागार में गर्भ में बच्चे के गर्भपात के कारण और अजन्मे बच्चे की आनुवंशिक बीमारियों की जांच को लेकर सेमीनार आयोजित हुई। इसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए विशेषज्ञों ने इसको लेकर चर्चा की और शोध पत्र प्रस्तुत किए। शेखावाटी से एकमात्र फीटल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अनुश्री ने गर्भपात और आनुवांशिक बीमारियों की सटीक जांच को लेकर शोध पत्र पढ़ा। सेमीनार में विशेषज्ञों ने कहा कि गर्भ में पल रहे शिशु की आनुवांशिक बीमारियों को गर्भावस्था के दौरान एक्सपर्ट डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड, कुछ जांच और सावधानी बरतने से समय रहते पता लगाया जा सकता हैl फीटल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ.अनुश्री ने एक्सपर्ट पेनलिस्ट के तौर पर बताया कि बार- बार गर्भपात होने का कारण व उसका इलाज सही समय पर सही जांच से पूरी तरह संभव है। साथ ही देश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले उच्च रक्तचाप और जेनेटिक कारणों को भी समय से जांच की मदद से उपचारित किया जा सकता है। मां व शिशु को बेहतर और सुरक्षित माहौल देकर मृत्यु दर में कमी ला साकते हैं। मातृत्व सुरक्षा और शिशु मृत्यु दर से विकास का पता चल जाता है। डॉ. अनुश्री ने कहा कि फीटल मेडिसिन के जरिए गर्भ में पल रहे बच्चे की विभिन्न समस्याओं को सही समय पर सटीकता से निष्कर्ष आ सकता हैं। जिससे शुरुआत में ही इलाज कर सकते है और आगे आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अगले बच्चे में तकलीफ़ ना हो। इसके लिए सावधानी कदम पहले ही उठाए जा सकते हैं। डॉ. अनुश्री ने विशेषज्ञों को बताया कि फीटल मेडिसिन से सिर्फ जेनेटिक्स ही नहीं बल्कि मां-बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर भी सटीक सूचना जांच से मिलती है l उन्होंने कहा कि गर्भावस्था में पल रहे बच्चे के क्रोमोजोनल समस्याओं की जानकारी के बाद बच्चे की इनवेसिव टेस्टिंग का सहारा लिया जा सकता है। इसकी मदद से गर्भावस्था के दौरान मां की होने वाली 90% मौतों को कम किया जा साकता हैl