जिला प्रशासन द्वारा मनाया गया समरसता दिवस, आयोजित हुई समरसता-मैराथन
चूरू, देश उनको याद करता है जो देश और समाज के लिए कुछ करते हैं। भारत के सामाजिक संरचना में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले विचार अंबेडकर की देन हैं। भारत में समतामूलक समाज की संरचना अंबेडकर के विचारों में निहित है। अंबेडकर की वैचारिक पृष्ठभूमि से प्रेरणा लेकर ही वास्तविक भारत की सामाजिक संरचना का ताना-बाना बुना जा सकता है। उक्त विचार जिला प्रशासन, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा नेहरू युवा केंद्र की ओर से भारत रत्न डॉ. बी. आर. अंबेडकर की जयंती उपलक्ष में गुरुवार को जिला स्टेडियम में आयोजित समरसता दिवस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए अतिरिक्त जिला कलक्टर लोकेश कुमार गौतम ने व्यक्त किए। गौतम ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी अंबेडकर के मूल्यों पर चलते हुए आधुनिक भारत के समतामूलक समाज का निर्माण करे।
आयोजन के मुख्य वक्ता राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व सिंडिकेट सदस्य प्रो. एचआर ईसराण ने कहा कि अंबेडकर ने भारतीय संविधान को सामाजिक न्याय का दस्तावेज बनाया। उनमें प्रतिभा, ज्ञान व कानून की गहरी समझ थी। वे न केवल दलितों बल्कि महिला अधिकारों की बात करने वाले अग्रिम पंक्ति के व्यक्ति थे। अंबेडकर के अनुसार असली राष्ट्रवाद जातीयता का परित्याग करना है। वे मानते थे कि शिक्षा व शील एक दूसरे के पूरक हैं। आयोजन के वक्ता शिक्षाविद डॉ. मूलचंद ने कहा कि अंबेडकर ने बताया कि ज्ञान का उपयोग सामाजिक उत्थान के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज की सदियों की व्याधि यदि कोई है तो वह वर्ण व्यवस्था, जातिप्रथा, छूआछूत है और अंबेडकर ने यह सिद्ध किया कि यह तीनों अमानवीय, अवैज्ञानिक व शोषणकारी सामाजिक षड्यंत्र है। इस अवसर बतौर अतिथ बोलते हुए आईएएस डॉ. धीरज कुमार सिंह ने कहा कि भारतीय समाज परिवर्तन को यथाशीघ्र आत्मसात नहीं कर पाता इसका मूल कारण जातिप्रथा है। जातिप्रथा एक मनःस्थिति है, जिससे भारतीय समाज एकता के सूत्र में नहीं बंध पाता। अंबेडकर का समस्त चिंतन इसी जाति-संरचना पर प्रहार है। उपखंड अधिकारी राहुल सैनी ने कहा कि अंबेडकर सामाजिक चिंतन के प्रखर प्रेणता और सजग प्रहरी हैं। वे न केवल संविधान के शिल्पकार हैं बल्कि उन्होंने सामाजिक न्याय को गति प्रदान की। प्रारंभ में महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के उपखंड संयोजक रियाजत अली खान एवं नेहरू युवा केंद्र के जिला समन्वयक मंगल जाखड़ ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर जिला खेल अधिकारी सरस्वती मुंडे, लोहिया कॉलेज एनएसएस प्रभारी विनीत ढाका, लालचंद चाहर, स्काउट के ओमप्रकाश मेघवाल, अहिंसा प्रकोष्ठ के सहायक घनश्यामसिंह राठौड़, नेमीचंद जांगिड़, पुनीत अािद उपस्थित थे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अरविंद ओला एवं महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक डॉ. दुलाराम सहारण ने धन्यवाद व्यक्त किया। संचालन अहिंसा प्रकोष्ठ प्रभारी उम्मेद सिंह गोठवाल ने किया।
आयोजित हुई समरसता-मैराथन:
जिला प्रशासन, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा नेहरू युवा केंद्र की ओर से भारत रत्न डॉ. बी. आर. अंबेडकर की जयंती उपलक्ष में कलेक्ट्रेट से जिला स्टेडियम तक एनएसएस, स्काउट-गाइड, खिलाड़ी, समाज कल्याण छात्रावासीय विद्यार्थी, एनवाईके स्वयंसेवकों की भागीदारी से समरसता-मैराथन का आयोजन हुआ। कलेक्ट्रेट परिसर के आगे स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण करने के पश्चात हरी झंडी दिखाकर मैराथन प्रारंभ की गई। मैराथन में प्रथम दस विजताओं को सम्मानित किया गया एवं समस्त प्रतिभागियों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से प्रशस्ति पत्र, मैडल, टीशर्ट भी प्रदान की गईं।
प्रदान किए गए अंबेडकर पुरस्कार:
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा प्रदत्त इक्कावन हजार रुपये का राज्य स्तरीय अंबेडकर शिक्षा पुरस्कार वाणिज्य वर्ग में एससी कैटगरी में कक्षा बारह टॉप करने पर सौरभ चौहान को अतिरिक्त जिला कलक्टर लोकश गौतम द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा जिला स्तरीय अंबेडकर पुरस्कार सुनील कुमार मेघवाल, विमला कालवा, संतोष भामी, डॉ. शमशाद अली व सद्दाम हुसैन को प्रदान किया गया।
समरसता मैराथन में ये रहे विजेता:
जिला प्रशासन, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा नेहरू युवा केंद्र की ओर से भारत रत्न डॉ. बी. आर. अंबेडकर की जयंती उपलक्ष में आयोजित समरसता मैराथ में प्रथम दलीप, द्वितीय महिपाल, तृतीय सुनील तेतरवाल रहे। प्रथम दस में अमित, भवानीसिंह, अंकित मेघवाल, मुकेश, शीशराम, ज्योति गुर्जर, आशा, प्रीतम एवं अक्षय विजेता रहे।