बाबा की 24 कोसी परिक्रमा में एक मिनट में लगभग हजारों श्रद्धालु घाटियों में करते हैं चढ़ाई
ठाकुर जी की पालकी पहुंची किरोड़ी से दुसरे पड़ाव शाकंभरी
उदयपुरवाटी, राजस्थान के झुंझुनू-सीकर-नीमकाथाना की सीमा पर स्थित मालकेतु बाबा की 24 कोसी परिक्रमा हर साल गोगा नवमी को लोहार्गल से शुरू होकर प्रथम पड़ाव किरोड़ी गर्म तथा शीतल कुंड पर विश्राम करते हैं। वहां से घाटियां पार करते हुए कोट गांव से होकर दुसरे पड़ाव बुधवार को शाकंभरी में किया। उबड़ खाबड़ रास्ते पहाड़ियों के बीच श्रद्धालुओं की लंबी कतारें जुबां पर बाबा माल केतु व भगवान शिव के जयकारे, कोई भजन गाने में मशगूल तो कोई भजनों पर झूमने को मजबूर हर कोई आस्था की इस डगर पर अपनी मस्ती में मस्त होकर नाचते गाते जयकारा लगाते हुए हजारों श्रद्धालु आगे बढ़ रहे हैं। लाखों की भीड़ पथरीले रास्ते पर पैर रखने की जगह तक नहीं मिलती फिर भी श्रद्धालु बड़े बूढ़ो की देखभाल करते हुए एक दूसरे को सहारा देकर भक्ति संगीत पर नाचते गाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। बाबा माल केतु की 24 कोसी परिक्रमा में लोहार्गल से चिराना, किरोड़ी, देलसर की घाटी से लेकर शाकंभरी तक लोहार्गल की मालकेतु बाबा की परिक्रमा देखने को मिल रही है। गुरुवार को एकादशी होने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ में भारी उत्साह देखने को मिलेगा। जहां हर एक मिनट में हजारों श्रद्धालु घाटियों की चढ़ाई करते हुए आगे बढ़ेंगे। परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह भामाशाहों द्वारा घाटियों के अंदर खाने पीने की सामग्री सहित श्रद्धालुओं की सेवाओं में हजारों स्वयं सेवी संस्थाएं लगी रहती हैं।
ठाकुर जी ने किया विश्राम
लोहार्गल से 24 कोसी परिक्रमा का नेतृत्व कर रही ठाकुर जी की पालकी बुधवार को शाकंभरी पहुंची। जहां से गुरुवार को सुबह रवाना होकर सकराय, नाग कुंड, भगोवा, कालाखेत, टपकेश्वर महादेव होते हुए तीसरे पड़ाव शोभावती पहुंचेगी। यहां संत समाज के द्वारा सत्संग किया जाएगा। खाकी अखाड़ा में पालकी के साथ चल रहे श्रद्धालु विश्राम करेंगे।