हाई कोर्ट का कड़ा रुख, अवमानना मामले के दोषी अफसर 4 मई को हाजिर हो
बीडीके अस्पताल से जुड़ा मामला
झुंझुनू, राजस्थान हाई कोर्ट ने जिले के राजकीय बीडीके अस्पताल में ब्लड बैंक काउंसलर पद पर कार्यरत महिला कर्मी की बर्खास्तगी मामले में कोर्ट स्थगन के बाद कार्यग्रहण नही कराने के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए दोषी शीर्ष अफसरों को 4 मई को सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के आदेश दिए है। मामले के अनुसार प्रार्थिया अनुपमा कुल्हार ब्लड बैंक में कार्यरत थी जिसकी सेवाएं निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 19 फरवरी 2021को समाप्त कर दी। बाद में अस्पताल प्रशासन ने 23 फरवरी को उसे पद से हटा दिया था। हाई कोर्ट ने 22 सितम्बर 2021 को बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगाते हुए सेवा बहाली के आदेश दिए। प्रार्थिया ने कोर्ट आदेश की पालना में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बीडीके अस्पताल डॉ वी डी बाजिया द्वारा कार्यग्रहण नही कराए जाने पर न्यायालय आदेश की अवहेलना को लेकर मेडिकल विभाग के दोषी अफसरों वैभव गालरिया प्रमुख सचिव, डॉ.मनमोहन मित्तल सदस्य सचिव स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन कौंसिल, डॉ. रवि प्रकाश शर्मा निदेशक राजस्थान स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन कौंसिल व डॉ. वी डी बाजिया प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बीडीके अस्पताल के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही हेतु अवमानना याचिका दायर की ,जिसमे कोर्ट ने 20 दिसम्बर 2021 को इन दोषी अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इस पर भी जब अधिकारियों ने ध्यान नही दिया तो प्रार्थिया की ओर से आवेदन प्रस्तुत कर एडवोकेट संजय महला ने इन दोषी अफसरों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की प्रार्थना की, जिस पर सुनवाई कर रहे जस्टिस बीरेंद्र कुमार ने अधिकारियों की लापरवाही व आदेश की पालना में जानबूझकर कोताही बरतने पर कड़ा रुख अपनाते हुए 4 मई को प्रकरण सूचिबद्ध करने के आदेश देते हुए डॉ.मनमोहन मित्तल व डॉ. रवि प्रकाश शर्मा को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए हैं।