21वीं सदी के कौशलों पर चर्चा की गई
झुंझुनू, पिरामल फाउंडेशन द्वारा झुंझुनू जिले के समस्त सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को आवसीय कार्यशाला द्वारा स्टीम एजुकेशन पर प्रशिक्षण दिया गया | इस एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य रूप से 21वीं सदी के उन कौशलों पर चर्चा की गई जिनका उल्लेख्य नई शिक्षा नीति – 2020 में किया गया है। गांधी फेलो संस्कृति गुप्ता ने सत्र का आयोजन करते हुए शिक्षकों से जाने जानने की कोशिश की कि वह अपने विद्यालयों में किस प्रकार कक्षा-कक्ष में विद्यार्थियों के साथ कार्य करते हैं और उनके चहुमुखी विकास में अपनी भूमिका निभाते हैं | सत्र के दौरान शिक्षकों ने बताया कि वह परियोजना आधारित शिक्षण के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाने में अधिक रुचि रखते हैं जिसके लिए उन्हें इस तरह के सत्रों द्वारा प्रशिक्षण की आवश्यकता है ! संस्कृति गुप्ता ने सत्र के माध्यम से स्थानीय सन्दर्भ में उन उपायों एवं तरीकों को बताने का प्रयास किया जिसके माध्यम से कोई भी शिक्षक अपने विद्यालय में स्टीम शिक्षण पद्धति का प्रयोग कर सकते हैं | पीरामल फाउंडेशन के अशगाल खान ने बताया कि टीचर लर्निंग लैब एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा जिले के समस्त विद्यालयों के शिक्षकों का क्षमता निर्माण सुनिश्चित किया जाता है।