शांति एवं अहिंसा निदेशक मनीष शर्मा एवं जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने दिए निर्देश
चूरू, राज्य के शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष कुमार शर्मा ने कहा है कि गांधी दर्शन को लेकर चूरू मंे अब तक उल्लेखनीय आयोजन हुए हैं। भविष्य में होने वाले जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन इसी अनुरूप बेहतरीन ढंग से होना चाहिए ताकि महात्मा गांधी के विचार जन-जन तक और अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंच सके। निदेशक शर्मा मंगलवार को जिला परिषद सभागार में आयोजित बैठक में जिला स्तरीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण की पूर्व तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष दुलाराम सहारण सहित अहिंसा प्रकोष्ठ से जुड़े पदाधिकारी शामिल थे। निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत की भावना के अनुरूप गांधी दर्शन और गांधी के दर्शन पर आधारित सरकारी योजनाओं की जानकारी अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की भावना के अनुरूप शांति एवं अहिंसा निदेशालय की ओर से गांधी दर्शन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। राज्य के सातों संभाग ये तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित कर चुके हैं। इसी कड़ी में अब जिला स्तर पर शिविर आयोजित किये जायेंगे जिसमें पंचायतों व शहरी निकायों से गांधी दर्शन में आस्था रखने वाले व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इन प्रशिक्षण का दोहरा लाभ है। गांधी दर्शन जिसकी आज महत्ती आवश्यकता है, उसे जन-जन तक पहुंचाने के साथ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की भी आमजन को जानकारी मिल सकेगी ताकि वे इसका अधिकतम लाभ ले सकें। इस दौरान शर्मा ने चूरू जिले में पूर्व में हुई गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि चूरू जिले ने अहिंसा प्रकोष्ठ के माध्यम से उल्लेखनीय काम किया है। उन्होंने बताया कि इस सप्ताह में कला, साहित्य, संस्कृति और पुरातत्व विभाग तथा निदेशालय के आदेश के तहत गांधी फिल्म का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस फिल्म के प्रदर्शन के माध्यम से गांधी को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना है। कैसे एक व्यक्ति विचार बनकर पूरे विश्व को राह दिखा सकता है, कैसे शांति की राह पर चलकर अहिंसा के लक्ष्य को आत्मसात् किया जा सकता है, ये आज की पीढ़ी को गांधी से सीखना है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि चूरू अपने कार्यक्रमों को लेकर राज्य में अग्रणी रहा है। जिला स्तरीय प्रशिक्षण में भी हमें एक नजीर पेश करनी है। उन्होंने कहा कि गांधी जीवन के प्रत्येक क्षेत्रा में व्यक्ति का मार्गदर्शन करते हैं। शासन-प्रशासन, राजनीति से लेकर रोजमर्रा की दिनचर्या में भी हम गांधी से एक संपूर्ण जीवन शैली ग्रहण कर सकते हैं। ऐसे में यदि लोगों तक गांधी विचार एक व्यवस्थित ढंग से पहुंचता है तो इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है। राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के निदेशक दुलाराम सहारण ने जिले में अब तक की गतिविधियों पर चर्चा करते हुए विश्वास जताया कि जिला स्तरीय प्रशिक्षण समेत समस्त गतिविधियां और उत्कृष्ट ढंग से संपादित होंगी। इस मौके पर अहिंसा प्रकोष्ठ प्रभारी उम्मेद गोठवाल, कमल शर्मा, सरदारशहर संयोजक मोनिका सैनी, तारानगर के एलडी जोशी, सुजानगढ़ से सविता राठी, भरत गौड़, नवीन वर्मा, ओमप्रकाश मेहरा, सिकंदर जाटू, वेदप्रकाश रेडू, सद्दाम पटवा, हरिसिंह सिरसला सहित विभिन्न सदस्यों ने महत्ती सुझाव दिए।