मोबाइल टीमों ने चूरू के 60 वार्डों में किया वैक्सीनेशन
चूरू, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की खास पहल पर रविवार को जिला मुख्यालय पर मोबाइल टीमों ने घर-घर दस्तक देकर लोगों को कोरोना रोधी वैक्सीन लगाई और शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन की ओर महत्त्वपूर्ण कदम बढाया। रविवार को चूरू शहर के सभी 60 वार्डों के लिए गठित मोबाइल टीमों ने घर-घर जाकर टीके लगाए।राज्य सरकार की ओर से निर्धारित शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग के निर्देशानुसार मंगलवार सवेरे सीमएचओ डॉ मनोज शर्मा, बीसीएमओ डॉ जगदीश भाटी एवं कोविड प्रभारी डॉ अहसान गौरी ने मोबाइल टीमों को रवाना किया। शर्मा ने कहा कि हमें पूरे जिले में जल्दी से जल्दी शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करना है। इस अवसर पर सुजानगढ़ बीसीएमओ डॉ ओपी धानिया, अग्रसेन पीएचसी प्रभारी डॉ सुमन धानिया, डॉ शशांक चौधरी, डॉ इमरान गौरी, डॉ अरविंद तंवर, डॉ भावेश सोनी, डॉ तपेश रछोया, डॉ सतपाल मीणा, डॉ अमित कानखेड़िया, डॉ अशोक चौधरी, डॉ सुभाष नायक, विभाग के बीपीएम ओमप्रकाश प्रजापत, मधु स्वामी, एएनएम सुमन, सरोज चौधरी, अमित जांगिड आदि मौजूद थे। टीमों ने घर-घर जाकर बच्चों, बुजुर्गों, युवाओं व महिलाओं को कोवैक्सीन व कोविशील्ड का टीका लगाया। कोविड प्रभारी डॉ अहसान गौरी ने बताया कि टीमों ने 15 से 17 प्लस आयु वर्ग के युवाओं को कोवैक्सीन, 18 वर्ष से ऊपर की आयु वालों को प्रथम व द्वितीय डोज, व 60 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग वालों को बूस्टर डोज टीकाकरण किया।
घर-घर दस्तक का लोगों को मिला लाभ
जिला मुख्यालय पर वार्ड 38 अगुणा मोहल्ला निवासी 28 वर्षीय मोहम्मद नाजिम ने बताया कि पहली डोज लगाए उसे 120 दिन हो गए लेकिन पेंटर काम करने के कारण दूसरी डोज के लिए समय नहीं मिल रहा था। आज घर आकर टीम ने वैक्सीनेशन कर दिया, जिससे मैं बहुत खुश हूं। वार्ड 36 के 19 वर्षीय समीर खान ने बताया कि वह सफेद घंटाघर के पास रोजगार करता है। काम के कारण पहला डोज भी नहीं लगवा पाया था। आज घर आकर टीम ने टीकाकरण किया, मैं बहुत खुश हूं। वार्ड 38 के 50 वर्षीय गोपाल सैनी ने बताया कि तीन बेटों में से दो 17 वर्षीय विकास व 16 वर्षीय विशाल टीके से वंचित थे, आज टीम ने दोनों को घर आकर टीके लगाए और ऑनलाइन सर्टिफिकेट भी डाउनलोड कर लिया। राजकीय बागला उमावि पढ़ने वाले वार्ड 31 के ललित सैनी ने बताया कि दो तीन बार अस्पताल जाने के बावजूद झिझक के कारण टीके से वंचित था, आज घर पर आकर टीम ने टीका लगाया तो पता चला कि मैं बेवजह ही झिझक रहा था। अब मैं बहुत खुश हूं।