62 वर्षीय व्यक्ति की 14 साल में 27 राज्यों से दो लाख 85 हजार किमी की साईकिल यात्रा
नशा मुक्ति अभियान को लेकर अमनदीप कर रहे हैं साईकिल यात्रा
घरेलु नुस्खों के माध्यम से 7 हजार युवाओं की छुड़ा चुके हैं अब तक शराब
नुक्कड़ों पर लोगों को एकत्रित कर नशा मुक्ति के प्रति करते हैं जागरूक
बैंगलुरू से अमनदीप ने एक जनवरी 2008 को की थी यात्रा शुरू
रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] नशा मुक्ति अभियान को लेकर लोगों में जागरूकता की अलख जगाने साईकिल पर सवार होकर 62 वर्षीय अमनदीप भारत भम्रण पर निकला हुआ है। वह शुक्रवार को रतनगढ़ पहुंचा तथा कई नुक्कड़ों पर रूककर लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करते हुए कहा कि नशा बर्बादी का कारण है। बैंगलुरू के चिकतिरूपत्ति गांव के 62 वर्षीय अमनदीपसिंह खालसा ने बताया कि 2007 में शराब के सेवन से उसके मामा की मौत हो गई थी। उसके बाद उसने मन में ठान लिया कि उसके परिवार में जो घटना हुई, वह किसी दूसरे परिवार में न हो, इसी मिशन को मन में संजोए अमनदीप ने देश की यात्रा एक जनवरी 2008 में शुरू की। यात्रा के दौरान नशा छुड़ाने के लिए घरेलू नुक्से भी लोगों को बता रहा है। अमनदीप का दावा है कि अब तक सात हजार युवाओं पर उसके नुक्से कारगर साबित हुए हैं। वह 14 वर्षों से भारत भ्रमण पर है तथा अब तक 27 राज्यों का दौरा कर दो लाख 85 हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं। यात्रा का अंतिम पड़ाव पंजाब राज्य रहेगा। किसान परिवार से तालुक रखने वाले अमनदीप को गांव में 60 एकड़ भूमि है तथा बेटा अमेरिका में ईएलटी विशेषज्ञ है तथा पत्नी गांव में टीचर है। वह भी टीचर था, लेकिन यात्रा के लिए नौकरी से त्याग पत्र दे दिया। अमनदीप ने बताया कि वे बाहर का खाना खाने से परहेज करते हैं तथा स्वयं 60 किलोमीटर या उससे अधिक की प्रतिदिन दूरी तय करके सार्वजनिक स्थान या बस स्टैंड रूकते हैं तथा स्वयं अपना खाना बनाते हैं। वह केवल शाम को ही भोजन करता हैं। अमनदीप ने बताया कि उसकी बेटी की शादी 2012 में हुई थी। उस समय वे बंगाल में थे, लेकिन अपनी यात्रा को जारी रखा और बेटी की शादी में भी नहीं पहुंच पाए, जिसका उसे आज भी मलाल है। हिंदी, तेलगु, पंजाबी, तमिल, अंग्रेजी, कन्नड़ भाषा का ज्ञान रखने वाले अमनदीप ने बताया कि उसका पूर्व का नाम महादेव रेड्डी था और बाद में उसने सिख धर्म स्वीकार कर लिया। अमनदीप ने बताया कि शोसल मीडिया पर 10 लाख से अधिक फोलोवर है तथा उसका नाम गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉड में भी दर्ज है। गिनिज बुक द्वारा प्राप्त एक लाख डॉलर की राशि वे अपने क्षेत्र के स्कूल व कॉलेज निर्माण में दान करेंगे।